जानकारी के मुताबिक, रायसेन के वार्ड नंबर-18 में मेंढक की बारात निकाली गई। ढोल नगाड़ों के साथ वार्ड वासियों के घर-घर जाकर सामान इकट्ठा किया है, इसके बाद देवस्थान पर गए और दाल बाटी बनाकर इंद्रदेव को भोग लगाया।
बारात सभी समाज के बड़े-बूढे शामिल हुए
मेंढ़क-मेंढ़की की बारात निकाली गयी। बारात में बच्चे-बूढ़े और जवान सब शामिल हुए। असल में, रायसेन में लगातार 13 वें दिन बारिश नहीं हुई। मानसून पर ऐसा ब्रेक लगा है कि पिछले 13 दिन से जिले के किसी भी इलाके में बारिश की एक बूंद तक नही गिरी है।
इंद्रदेव को मनाने के लिए टोना-टोटके का सहारा
इसलिए लोग अब इंद्र देव को मनाने के लिए टोने टोटके का सहारा ले रहे हैं। बारात में बैंडबाजा भी था। बाराती भी झूमते-गाते चल रहे थे। बच्चों के उल्लास का तो जबाव ही नहीं था।
समाज के लोग मेंढक और मेंढकी को पकड़ कर उनकी बारात निकालते हैं। फिर मंदिर में शादी करने के बाद वापस छोड़ देते हैं। समाज के लोगों का मानना है कि मेंढक रानी की बारात निकालने के बाद इंद्र देव प्रसन्न होते हैं और इस अनुष्ठान के बाद इलाके में बारिश जरूर होती है।