बरगवां शहडोल। अनूपपुर जिले का ऐतिहासिक उद्योग के द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ओरिएंट पेपर मिल्स - कॉस्टिक सोडा यूनिट में 1 जून को फैक्ट्री परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अलावा, 5 जून 2025 को धोबी तालाब में भी वृक्षारोपण किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों के संवर्धन को बढ़ावा मिला।जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ओरिएंट पेपर मिल्स - कॉस्टिक सोडा यूनिट में 1जून 2025 को फैक्ट्री परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. वीरेंद्र द्विवेदी, रघवेंद्र मिश्रा, और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी बालेंद्र राठौर एवं सुभाष निगम उपस्थित रहे।जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कॉलोनी परिसर में स्थित तालाबों का गहरीकरण और जल स्रोतों की सफाई पौधारोपण, और वर्षा जल संचयन का कार्य ओरिएंट पेपर मिल्स - कॉस्टिक सोडा यूनिट में किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना और स्थानीय जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना है।विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर ओरिएंट पेपर मिल्स, कॉस्टिक सोडा यूनिट, अमलाई में वृक्षारोपण कार्यक्रम धोबी तालाब के पास आयोजित किया गया। जिससे पर्यावरण संरक्षण और हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने का संदेश दिया गया। यह पहल स्थानीय समुदाय और कर्मचारियों द्वारा मिलकर की गई, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का एहसास हुआ।इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना" है, जो हरित जीवन शैली और प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने पर जोर देती है। दक्षिण कोरिया इस वर्ष का मेजबान देश है।इस अवसर पर असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (वर्क्स) अविनाश कुमार, असिस्टेंट जनरल मैनेजर पी.के. पांडव, ए.के. सिंह , अरविंद शुक्ला एचआर प्रमुख, अभिषेक जैन उपकरण प्रमुख, सुरक्षा विभाग प्रमुख राम गोपाल उर्मलिया,आशिर्वाद मिश्रा, दिलीप मिश्रा, और संतोष सिन्हा उपस्थित रहे।इसके अलावा, सिविल प्रमुख आनंद पटेल और क्वालिटी एवं एनवायरनमेंट प्रमुख रघवेंद्र मिश्रा की सराहनीय भागीदारी रही।इस अवसर पर फैक्ट्री के वर्कर और स्टाफ ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे आयोजन को और अधिक सफल और सार्थक बनाया गया। उनकी सक्रिय भागीदारी ने उत्साह और टीम भावना को मजबूत किया।इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में पीपल, बरगद, आम और अन्य फलदार पौधों को लगाया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा। इन पौधों का चयन न केवल हरियाली बढ़ाने के लिए किया गया है, बल्कि इनसे क्षेत्र में छाया, ऑक्सीजन और प्राकृतिक संतुलन भी बनेगा।यह पहल निश्चित रूप से पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक कदम है!
विश्व पर्यावरण दिवस पर उद्योग ने तालाब गहरीकरण वृक्षारोपण एवं प्राकृतिक जल स्रोतों किया संचयन।