मजदूरों के सम्मान में भगवा पार्टी मैदान में — मंडीदीप के सफाई कर्मियों को न्याय दिलाने का संकल्प



मंडीदीप, रायसेन। औद्योगिक नगरी मंडीदीप में नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। भीषण गर्मी में दिन-रात मेहनत कर क्षेत्र की गंदगी साफ करने वाले ये कर्मवीर आज खुद बदहाली और उपेक्षा का शिकार हैं।महज ₹8000 से ₹9000 की मासिक तनख्वाह में कार्यरत इन कर्मचारियों को न समय पर वेतन मिलता है, न बीमारी की स्थिति में इलाज या छुट्टी की सुविधा। ईएसआई और पीएफ जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाएं भी इनके लिए सिर्फ एक सपना बनकर रह गई हैं। कलेक्टर दर केवल कागजों तक सीमित है, ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। कर्मचारियों के इस अन्याय के विरुद्ध भारतीय गण वार्ता पार्टी (भगवा पार्टी) ने मोर्चा संभाल लिया है। पार्टी ने सफाई कर्मचारियों के समर्थन में खुलकर मैदान में उतरने का ऐलान किया है।भारतीय गण वार्ता पार्टी (भगवा पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्पष्ट निर्देशानुसार, प्रदेशभर में श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार भार्गव ने हड़ताली कर्मचारियों से भेंट कर उन्हें हरसंभव सहयोग और संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा जहाँ देश के प्रधानमंत्री सफाई कर्मचारियों के चरण धोकर उन्हें सम्मान और समाज में बराबरी का दर्जा देने का संदेश देते हैं, वहीं प्रदेश में यही कर्मचारी शोषण, उपेक्षा और असमानता का दंश झेल रहे हैं। यह केवल विडंबना नहीं, बल्कि व्यवस्था पर करारा तमाचा है। श्री भार्गव ने चेतावनी दी कि यदि कर्मचारियों को शीघ्र न्याय नहीं मिला, तो भगवा पार्टी प्रदेशव्यापी 'न्याय यात्रा' निकालकर सरकार को जवाबदेह बनाएगी। यह यात्रा न केवल सफाई कर्मियों, बल्कि समूचे श्रमिक वर्ग की आवाज बनकर प्रदेश भर में गूंजेगी।उन्होंने कहा, हम चुप नहीं बैठेंगे। जब तक हर मेहनतकश को उसका हक नहीं मिलेगा, भारतीय गण वार्ता पार्टी संघर्ष करती रहेगी। यह सिर्फ मजदूरों की नहीं, इंसानियत की लड़ाई है।स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस आंदोलन को समर्थन देते हुए कर्मचारियों की स्थिति पर चिंता जताई है। जनता का कहना है कि जो कर्मी समाज को स्वच्छ रखने में लगे हैं, उन्हें खुद गंदे तंत्र से लड़ना पड़ रहा है यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है।


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