ईडी / मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हैदराबाद का कारोबारी सतीश बाबू गिरफ्तार,

सीबीआई को रिश्वत देने की बात कही थी,सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने कारोबारी बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करवाए थे,सतीश बाबू पर सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार करने के आरोप ,ईडी विशेष अदालत में बाबू की कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी



नईदिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को हैदराबाद के कारोबारी एस.सतीश बाबू को गिरफ्तार किया। दरअसल, ईडी बाबू और विवादित मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के बीच संपर्क को टटोल रही है। एक अधिकारी के मुताबिक, बाबू को शनिवार को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। इस दौरान उसकी कस्टडी बढ़ाए जाने की मांग की जाएगी। 
रिपोर्ट के अनुसार, बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने दर्ज करवाए थे। उस समय अस्थाना और सीबीआई निदेशक रहे आलोक वर्मा के बीच नंबर वन को लेकर विवाद हुआ था। ईडी ने 2017 में कुरैशी के खिलाफ एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग लॉ के तहत मामला दर्ज किया था। उस पर सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप है।सीबीआई ने सतीश बाबू को 12 अक्टूबर 2017, 23 अक्टूबर, 1 नवंबर और 30 दिसंबर को समन जारी किया था। इसके बाद बाबू ने बताया कि उसके और सीबीआई अफसर के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत पूछताछ से बचने के लिए 5 करोड़ रुपए दिए गए।पूर्व विशेष निदेशक अस्थाना ने निदेशक पर लगाया था आरोप ,आरोपों के मुताबिक, 10 और 13 दिसंबर को 3 करोड़ रुपए चुका दिए गए थे। बाकी बचे 2 करोड़ रुपए को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। अस्थाना ने तत्कालीन सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा पर 2 करोड़ रुपए रिश्वत लेकर गिरफ्तारी से राहत देने का आरोप लगाया था।
सीबीआई अभी भी राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, सतीश बाबू की गिरफ्तारी के बाद राकेश अस्थाना के खिलाफ जारी जांच में कई बातें पता लग सकेंगी।


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