कर-नाटक: फ्लोर टेस्ट में आज पास या फेल होंगे येडियुरप्पा,


कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने 14 और बागी विधायकों को अयोग्या करार दे दिया है. इनमें 11 कांग्रेस और तीन जेडीएस के विधायक शामिल हैं. इस लिहाज से 104 विधायक और एक आरक्षित सीट मिलाकर 105 सीटों का जादुई आंकाड़ा सत्ता हासिल करने के लिए अब जरूरी होगा.
कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा पहुंच गए हैं. कुछ देर में कार्यवाही शुरू होगी. जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) और कांग्रेस के 17 बाग़ी विधायकों को अयोग्य क़रार दिए जाने के बाद बहुमत का आंकड़ा अब 105 रह गया है. नए समीकरण के मुताबिक, बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए अब इतने ही विधायकों के समर्थन की जरूरत है. अकेले बीजेपी के पास यह आंकड़ा मौजूद है. निर्दलीय विधायक भी बीजेपी के साथ हैं. जबकि, कांग्रेस और JDS के पास स्पीकर समेत 100 विधायक हैं. ऐसे में येडियुरप्पा को बहुमत साबित करने में कोई मुश्किल नहीं आएगी.कर्नाटक विधानसभा में 225 सीटें हैं. स्पीकर केआर रमेश कुमार ने पहले 3 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. फिर 14 और बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया. इनमें 11 कांग्रेस और तीन जेडीएस के विधायक शामिल हैं. अब बचे 208 सदस्यों में से 34 जेडी(एस), 67 कांग्रेस और 105 बीजेपी के हैं. कांग्रेस के सदस्यों में स्पीकर, मनोनीत सदस्य और बी नागेंद्र भी शामिल हैं, जो फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं. उनके अलावा एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी बीजेपी को मिला हुआ हालांकि, इस स्थिति में भी उलटफेर की संभावना बनती हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने दावा किया है कि तीन बीजेपी विधायक येडियुरप्पा सरकार के खिलाफ वोट करने वाले हैं. अगर ऐसा है, तो ये बागी, निर्दलीय और बीएसपी विधायक फ्लोर टेस्ट को दिलचस्प बना सकते हैं.
सूत्रों ने बताया कि रमेश कुमार को बीएस येडियुरप्‍पा के सोमवार को विश्वास मत साबित करने से पहले स्पीकर का पद खाली करने का संदेश दिया गया है. बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा, 'अगर स्पीकर स्वयं इस्तीफा नहीं देते हैं तो हम उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे. हमारा पहला एजेंडा विश्वास मत जीतना और फाइनेंस बिल को पास करना है. हम स्पीकर के खुद इस्तीफा देने का इंतजार करेंगे.'
अयोग्य करार दिए गए विधायकों के पास पहला ऑप्शन सुप्रीम कोर्ट जाने का है. कोर्ट ने विधायकों को सदन से दूर रहने की इजाजत दी थी. ऐसे में विधायक विश्वनाथ का कहना है कि पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए सदन से उनकी सदस्यता रद्द नहीं की जा सकती.


कर्नाटक में अयोग्य करार दिए गए विधायकों को अभी भी वो सारी सुविधाएं मिलेंगी, जो एक विधायक को रिटायर होने पर मिलती हैं. संविधान के मुताबिक, अगर कोई एक दिन भी विधानसभा का सदस्य रहता है, तो उसको पूरी पेंशन और सभी सुविधाएं मिलती हैं.
संविधान के अनुच्छेद 195 के मुताबिक, राज्य का विधानमंडल (विधानसभा और विधान परिषद) समय-समय पर कानून बनाकर अपने सदस्यों की सैलरी और अलाउंस निर्धारित कर सकेगा. कर्नाटक विधानमंडल ने मार्च 2017 को कानून बनाकर विधायकों को मिलने वाली पेंशन और अलाउंस को निर्धारित किया था. इसके तहत हर विधायक को हर महीने 40 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. इसके अलावा जो विधायक पांच साल से ज्यादा समय तक कर्नाटक विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य रहा है, उसको एक हजार रुपये पेंशन ज्यादा मिलेगी.


 


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