गुरु पूर्णिमा पर है चन्द्र ग्रहण की छाया,गुरु पूर्णिमा के दिन 149 साल बाद हो रहा है चंद्र ग्रहण
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
वेद व्यास जी को समर्पित है गुरु पूर्णिमा
गुरु की पूजा और स्मरण के लिए समर्पित गुरु पूर्णिमा इस वर्ष मंगलवार 16 जुलाई को है। गुरु पुर्णिमा के दिन ही व्यास पूजा भी होता है। इस बार गुरु पुर्णिमा पर चंद्र ग्रहण की छाया है, इसलिए गुरु पूजन का शुभारंभ कई जगहों पर आज शाम से ही होने लगेगा। 16 जुलाई की रात्रि में लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक मंगलवार को शाम 4:30 से लग जाएगा, इसलिए इससे पूर्व ही गुरु का पूजन करना उचित है।
भारतीस संस्कृति में गुरु को माता-पिता और ईश्वर से भी बड़ा स्थान प्राप्त है। वह व्यक्ति के जीवन का पथ प्रदर्शक हैं, वह हमें ज्ञान से प्रकाशित करते हैं, इसलिए उनको ब्रह्मा, विष्णु और महेश के तुल्य माना गया है
महर्षि वेद व्यास जी का जन्म आषाढ़ मास के पूर्णिमा को हुआ था। उनको समस्त मानव जाति का प्रथम गुरु माना जाता है। उन्होंने महाभारत की रचना की थी। गुरु पूर्णिमा वेद व्यास जी को ही समर्पित है।
गुरु पूर्णिमा के मौके पर विभिन्न शहर ऐसे होंगे भक्तिमय
भगवान शिव हैं आदिगुरु
देवों के देव महादेव को आदिगुरु कहा जाता है। उन्होंने ही सबसे पहले धर्म और सभ्यता का प्रचार प्रसार किया था, इसलिए वे आदिदेव और आदिगुरु का माने गए हैं। शनि और परशुराम उनके दो शिष्य हैं।