भोपाल ,मध्य प्रदेश में वर्ष 2008 में हुई किसानों की कर्ज माफी में सामने आए घोटाले की मप्र सरकार ने जांच पूरी करा ली है। इसमें खुलासा हुआ है कि घोटाले को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई में तत्कालीन शिवराज सरकार ने नरमी बरती थी। यह जांच रिपोर्ट सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह को अग्रिम कार्यवाही के लिए सौंपी जाएगी। जिसमे सवा दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों को गड़बड़ियों का दोषी पाया गया था, लेकिन सिर्फ 45 को ही सेवा से निकाला गया। आठ सौ से ज्यादा कर्मचारियों को महज चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। अधिकारियों ने आयुक्त सहकारिता कार्यालय को रिपोर्ट सौंपे जाने की पुष्टि की है। बता दे की वर्ष 2008 में कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना में किसानों का 50 हजार रुपए तक कर्ज माफ किया गया था। कर्ज माफी के लिए 11 लाख 86 हजार 709 किसानों के एक हजार 634 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रस्ताव दिए गए थे।
2008 के किसानों के कर्ज माफी घोटाले की जाँच पूर्ण