अरुण जेटली का एम्स में निधन


दिल्ली,नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहे वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया. वो 66 साल के थे.बीते नौ अगस्त से अरुण जेटली एम्स में इलाज करा रहे थे. एम्स की प्रवक्ता आरती विज ने मीडिया के लिए जारी प्रेस रिलीज में बताया है कि जेटली ने शनिवार को दोपहर 12 बजकर सात मिनट में अंतिम सांस ली.पिछले सप्ताह शनिवार शाम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जेटली का हालचाल जानने एम्स पहुंचे थे. इससे पहले 9 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे.इसी महीने सांस लेने में समस्या के चलते अरुण जेटली को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती किया गय था. उन्हें आईसीयू में रखा गया था.इस साल मई में जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से वो नई सरकार में कोई ज़िम्मेदारी नहीं चाहते हैं. उन्होंने लिखा था कि बीते 18 महीनों से उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिसके कारण वह कोई पद नहीं लेना चाहते हैं.वकालत से राजनीति में आए अरुण जेटली बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे.अरुण जेटली दिल्ली एवं ज़िला क्रिकेट संघ डीडीसीए के अध्यक्ष भी रहे.


राजनीति में प्रवेश


दिसंबर 1952 में राजधानी में जन्मे अरुण जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के बाद उन्होंने सबसे पहले वकालत का काम शुरु किया और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकीलों की सूची में शामिल हो गए.श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स( एसआरसीसी) से स्नातक की पढ़ाई करने के दौरान जेटली 1974 में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे. इस दौर में कांग्रेस काफी मज़बूत स्थिति में थी. अरुण जेटली ने एबीवीपी (अखिल भारतय विद्यार्थी परिषद) के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की और माना जाता है कि एक तरह से है उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत यहीं से हो गई थी.1973-74 के दौर में जय प्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार के विरोध में बड़ा अभियान चलाया. जेपी को अपना राजनीतिक गुरू मानने वाले अरुण जेटली ने इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.1975 में आपातकाल की घोषणा हुई तो अरुण जेटली को भी हिरासत में ले लिया गया. 22 महीने के आपातकाल में जेटली को 19 महीने दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया.1977 में चुनाव हुए तो कांग्रेस को बुरी हार मिली. जनता पार्टी को सत्ता में आने का मौक़ा मिला और अरुण जेटली लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के संयोजक रहे.इसी साल उन्हें एबीवीपी का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और फिर इसके बाद वो जनता पार्टी के लिए अभियान चलाने वाले युवा मोर्चा के अध्यक्ष चुने गए.इसके बाद 1980 में जेटली बीजेपी में शामिल हो गए. 1991 के बाद से वो भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.अपने पूरे राजनीतिक सफर में जेटली भारत सरकार में वित्त मंत्री रहे, कुछ वक्त के लिए रक्षा मंत्री रहे, साथ ही सूचना और प्रसार मंत्री भी रहे.


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