बॉडी फिट तो माइंड हिट जीरो इन्वेस्टमेंट में १०० परसेंट रिटर्न - मोदी 

फिट इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से सरकार लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना चाहती है. यह अभियान लगभग चार साल तक चलेगा, जिसमे फिटनेस और स्वास्थ्य को लेकर हर साल अलग-अलग मुद्दों पर अभियान चलाया जाएगा.



नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन हमें मेजर ध्यानचंद के रूप में हॉकी के जादूगर मिले थे। मैं उन्हें नमन करता हूं। फिट इंडिया मूवमेंट हेल्दी इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खेल मंत्रालय और युवा विभाग को बधाई देता हूं। जो प्रस्तुति दी गई, उसे देखकर लगता है कि मुझे फिटनेस के लिए भाषण देने की जरूरत ही नहीं है। बॉडी फिट है तो माइंड हिट है। फिटनेस के लिए इन्वेस्टमेंट तो जीरो है लेकिन इसमें रिटर्न 100% है।इस अभियान का मकसद लोगों को फिट रहने के लिए जागरूक बनाना है  मोदी ने कहा, ''फिटनेस एक जन आंदोलन बनना चाहिए। बैडमिंटन, कुश्ती समेत सभी खेलों में हमारे खिलाड़ी उम्मीदों को नए पंख लगा रहे हैं। ये नए भारत के आत्मविश्वास का पैमाना है। खेलों के प्रति बेहतर माहौल बनाने के लिए जो प्रयास हुए उसका लाभ मिलता दिखाई दे रहा है।'फिटनेस एक शब्द नहीं, बल्कि स्वस्थ और समृद्ध जीवन की एक जरूरत है। हमारी संस्कृति में फिटनेस पर जोर दिया गया है। यह हमारे जीवन का सहज हिस्सा रही है। हमारे पूर्वजों ने कहा है कि व्यायाम से ही स्वास्थ्य, लंबी आयु और सुख मिलता है। स्वस्थ रहने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं, अब सुनने को मिलता है कि स्वार्थ से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं। इसलिए स्वार्थ से स्वस्थ के भाव का कार्य जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा की फिटनेस पर ध्यान नहीं देने से समाज में एक उदासीनता आ गई है। पहले एक व्यक्ति दिनभर में कुछ किलोमीटर पैदल चल लिया करता था। आधुनिक साधनों और तकनीक ने शारीरिक गतिविधियां कम कर दी हैं। टेक्नोलॉजी हमें बताती है कि आप आज कितने कदम चले। बहुत से लोग स्वास्थ्य के प्रति सतर्क हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो डेली लाइफ पर ध्यान नहीं देते। कई लोग आराम से खाना खाते हुए डाइटिंग पर बातें करते रहते हैं। घर में फिटनेस के लिए सामान होते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में एक कमरे में रख दिए जाते हैं! इस प्रस्ताव के मुताबिक, अभियान के पहले महीने में देश के सभी शिक्षण संस्थानों में खेल प्रतिभाओं के साथ वॉकथान, साइकिल रैली आयोजित होंगी और चेकअप कैंप लगाए जाएंगे। दूसरे महीने में कस्बा, जिलों में स्कूल और यूनिवर्सिटी में हर स्तर पर खेल इवेंट होंगे। इसमें सभी छात्रों को शारीरिक गतिविधि में शामिल होना जरूरी होगा। तीसरे महीने में सोशल मीडिया के जरिए फिटनेस क्लब बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि वे हर हफ्ते शारीरिक गतिविधियों में परिवार और दोस्तों को शामिल कर सकें। चौथे महीने में खेल मैदानों को तैयार करने पर काम होगा।



 


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