छिंदवाड़ा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कहा कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ हो जाएंगे। आदिवासियों के घर पर बच्चा पैदा होने पर सरकार 50 किलो चावल या गेहूं दिया जाएगा। शुक्रवार को छिंदवाड़ा में अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कमलनाथ ने बताया कि सरकार ने इसके लिए सभी औपचारिक व्यवस्थाएं कर ली है। सभी 89 अनुसूचित क्षेत्रों में यह कर्ज 15 अगस्त तक माफ होना शुरू हो जाएंगे। उन्होंने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जाएगा। कमलनाथ ने साहूकारों से आदिवासियों द्वारा लिए कर्ज माफ करने के संबंध में कहा कि किसी आदिवासी ने कर्ज लेने के लिए अपनी जेवर, जमीन गिरवी रखी है तो वह भी उन्हें वापस किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि भविष्य में कोई साहूकार अनुसूचित क्षेत्र में साहूकारी करेगा तो उसे लायसेंस लेकर नियमानुसार धंधा करना होगा।
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के 89 अनुसूचित विकासखंडों के आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रुपे डेबिट कार्ड देगी। इसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर 10 हजार रुपए तक एटीएम से निकाल सकेंगे। उन्होंने बताया कि हर हाट बाजार में एटीएम. खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के जिन भी आदिवासियों के वनाधिकार के प्रकरण खारिज हुए हैं उनका पुनरीक्षण किया जाएगा और पात्र होने पर उन्हें वनाधिकार पट्टा दिया जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि जहां भी वनाधिकार प्रकरण संबंधी आवेदन लंबित है, उनका अभियान चलाकर निराकरण किया जाएगा। इसके अलावा सभी वन ग्राम राजस्व ग्राम बनेंगे,40 नये एकलव्य विद्यालय खुलेंगे ,40 हाईस्कूल का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन होगा,आदिवासी क्षेत्रों में 7 नये खेल परिसर बनेंगे एवं आदिवासी क्षेत्रों के विद्यालयों में पढ़ाने वाले 53 हजार अध्यापकों को शासकीय शिक्षक के समान सुविधाएँ मिलेंगी।