लेटर वार से मध्य प्रदेश की सियासत में उबाल, क्या कांग्रेस में फूट?

आरोप :दिग्विजय सिंह स्वंय को प्रदेश में 'पावर सेंटर' के रूप में स्थापित कर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं.



भोपाल |प्रदेश के राजनीतिक में  पत्र को लेकर  नई बहस छिड़ी हुई है  कि क्या पर्दे के पीछे कमलनाथ सरकार को दिग्विजय सिंह चला रहे है. इसके पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव लगातार यह आरोप लगाते आ रहे है कि प्रदेश में सरकार कमलनाथ नही चला रहे है, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे सरकार चला रहे है। जो भी हो लेकिन मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पीसीसी चीफ  के पद पर नई नियुक्ति के लिए खींचतान चल ही रही है. वहीं एमपी के वन मंत्री उमंग सिंघार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी  को पत्र लिख कर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह  पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सिंघार ने आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह स्वंय को प्रदेश में 'पावर सेंटर' के रूप में स्थापित कर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं. ज्ञात हो की  दिग्वियज सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों को हाल ही में पत्र लिखकर तबादलों और अन्य कार्यो के बारे में लिखे गए उनके पत्रों पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी. उन्होंने सभी मंत्रियों से मिलने के लिए 31 अगस्त तक समय देने का आग्रह किया था, ताकि वह जान सकें कि उनकी सिफारिशों पर क्या कार्रवाई की गई है.इस मामले को लेकर सिंघार ने रविवार को सोनिया गांधी को पत्र भेजा. जिसमे उमंग ने दिग्विजय पर आरोप लगते हुए लिखा है की 'बड़े ही दुख के साथ आपको यह अवगत कराना पड़ रहा है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को पार्टी के ही कद्दावर नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह अस्थिर कर स्वंय को मध्य प्रदेश में पॉवर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे हैं. वह लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को पत्र लिखकर और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहें हैं. ये पत्र मजबूत विपक्षी दलों के लिए मुद्दे बन जाते हैं. दिग्विजय सिंह के पत्र को लेकर विपक्ष आए दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार को घेरने के असफल प्रयास में लगा रहता है ,उन्होंने पत्र में जयवर्धन सिंह पर निशाना साधते हुए लिखा की  आपको यह भी अवगत कराना उचित होगा कि व्यापम घोटाला, ई-टेंडरिंग घोटाला एवं वृक्षारोपण घोटालों को लेकर दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखे. लेकिन वे सिंहस्थ घोटाले को लेकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाते हैं, क्यों? दरअसल सिंहस्थ घोटाले से संबंधित विभाग दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह के पास है. उनके (दिग्विजय) पुत्र और प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक के सिंहस्थ घोटाले से संबंधित सवाल के उत्तर में कहा कि सिंहस्थ घोटाला नहीं हुआ. जबकि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने सिंहस्थ घोटाले को बड़ा मुद्दा बनाया था.'


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