माँ बेटे ने मिलकर पिता की लाश को किया दफन

आपसी झगड़े में पत्नी द्वारा अपने पति को धक्का दे दिया जिससे पति नाक और मुंह के बल जमीन में जा गिरा जिससे उसकी मौत हो गई। मौत के बाद अपने लड़के के साथ मिल पति की लाश को घर के बाहर बाड़ी में गड्ढा  खोद कर दफना दिया. ४ माह बाद पुलिस ने कब्र खुदवा कर किया शव बरामद 



अनूपपुर ,करनपठार थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बरसोल में पति-पत्नी के बीच हुए आपसी झगड़े में जहां पत्नी द्वारा अपने पति को धक्का दे दिया जिससे पति नाक और मुंह के बल जमीन में जा गिरा जिससे उसकी मौत हो गई। इस पूरे मामले में जहाँ पत्नी ने अपने लड़के के साथ मिल पति की लाश को घर के बाहर बाड़ी में गड्ढा  खोद कर दफना दिया. इतना ही नही दो माह बाद फिर से माँ ने अपने बेटे को जगाया और फिर गड्ढा  खोद लाश  को बाहर निकाल घर से दूर  अपने खेत में गाड़ दिए। मामले की जानकारी देते हुए करनपठार थाना प्रभारी सोने सिंह परस्त ने बताया की 29 अगस्त को लखन सिंह ने अपने जीजा ओमकार सिंह उम्र  55 वर्ष की गुमशुदगी दर्ज करवाई। जहां पुलिस ने गुमशुदगी  का मामला दर्ज कर विवेचना के लिए सरई चौकी भेजा गया। इस बीच मृतक के परिजनो ने जामीन के हिस्सा बाँट के लिए ओमकार सिंह की उपिस्थति होना अनिवार्य बताया, लेकिन इस  बार ओमकार की अनुपस्थिति पर पुलिस  उसके घर पहुंच पूछताछ की गई, जहां ओमकार की पत्नी  धरनी बाई ने पूरा मामता बताते हुए अपनी गलती स्वीकार कर ली.जिसकी  सूचना पुलिस को लग  गई और पुलिस ने गुमशुदा ओमकार के पुत्र जयपाल सिंह को पूछताछ के लिए धाने ले आई. जहां उसने पूरी घटनाक्रम पुलिस को बताई। पति-पत्नी के बीच विवाद पर हुई मौत पूरे मामले में पुलिस ने बताया की मृतक के पुत्र जयपात सिंह गौड़ से की गई ,पूछतांछ करने पर उसने बताया की 29 मई बुधवार को ओमकार सिंह  बाजार करने जा रहा था. जहां उसकी पत्नी धरनी बाई ने उससे तेंदूपत्ता तोड़ाई में मिले रुपये को देकर बाजार जाने को कहा, जिस पर ओमकार ने रूपए के हिसाब लेने की बात को लेकर  दोनो पति पत्नी के बीच विवाद हो गया.जहां धरनी बाई ने अपने पति ओमकार को धक्का मार दी. जिससे ओमकार मुंह एवं नाक के बल  जमीन पर गिर पड़ा वहीं काफी देर तक ओमकार के नही उठने पर धरनी बाई ने अपने पुत्र जयपाल सिंह गोड़ की मदद से उसे कमरे में ले जाकर सुला दी. जहां अचानक आधी रात में धरनी बाई ने अपने पुत्र को उठा कर ओमकार की मौत हो जाने की बात बताई। पुलिस से बचने शव को जमीन में दफनाया जहा मॉ और बेटे को अपने पिता ओमकार की मौत हो जाने की बात पता चली, जिसके बाद मॉ ओर बेटे ने पुलिस से बचने के लिए पिता ओमकार के शव को घर के बाहर बाड़ी में गड्ढा खोद कर  जामीन में दफना दिया और गड्ढे के ऊपर केले का पेड़ लगा दिया। जयपाल सिंह ने बताया की अचानक घटना के दो माह बाद माँ ने उसे फिर जगाया और दोबारा  से पिता की लाश  को बाहर निकालने एवं लाश को दूर रात में दफनाने की बात कही जिस पर मैने फिर से पिता की ताश को गड्ढा  खोद बाहर निकाला और लाश  को दूर अपने खेत ले जाकर यहां पर दफ़न  कर दिया। करनपठार थाना प्रभारी सीन सिंह परस्ते ने बताया की बेट के बयान के बाद एसडीएम पुष्पराजगढ़ एवं तहसीलदार को पत्र के माध्यम से खोदाई की अनुमति मांगी गई, जहाँ अनुमति मिलने पर 13 सितम्बर को नायब तहसीलवार आदित्य दुवे एवं ग्रामीणों के सामने बताए गए उक्त स्थान की खोदाई की गई. जहाँ पर चादर एवं प्लास्टिक की बोरी में लपटे कंकाल को बाहर निकाला गया एवं आरोपी धरनी  बाई एवं उसके पुत्र जयपाल सिंह के खिलाफ  धारा 302, 201, 34 के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए गिरफ्तार किया गया तथा न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया  गया। वहीं इस अधी हत्या का खुलाशा  करने में थाना प्रभारी करनपठार सोने सिंह परस्ते, सहायक उपनिरीक्षक राघव बागरी, धनेश्वर पटेत. आर.डी. धुर्वे, प्रधान आरक्षक रामहर्ष पटेल, आरक्षक विमल सिंह, विजय द्विवेदी, अवित चतुर्वेदी, जितेन्द्र सिंह ठाकुर दितीप सिंह, योगेन्द्र परमार एवं महिता आरक्षक सविता सिंह का सराहनीय योगदान रहा।


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