नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा रेत के खनन, भंडारण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।एवम् मप्र की नई रेत खनन नीति आ गई है इसके बावजूद भी रेत माफिया की सक्रियता कम होती नहीं दिख रही है। रेत खदानों पर ट्रेक्टर ट्राली पहुंच रहे हैं और उत्खनन किया जा रहा है। रेत माफिया द्वारा परमीसन में रेत का स्टॉक भी जमाकर रखा है ,जो सिर्फ दिखने के लिए है ,जिससे संभाग और संभाग के बहार सप्प्लाई जारी है,जैसे ही स्टॉक कम होता है ट्रैक्टर ट्राली द्वारा चाका और बकही घाट से वापस भरपाई कर ली जाती है जिससे स्टॉक है की काम होने का नाम नहीं लेता ।रात भर नदी से रेत ट्रेक्टर से निकल रहे हैं। सुबह इनके एस्टाक बराबर मात्रा में मिलेंगे।
शहडोल |मप्र में एक तरफ जहा धड़ल्ले से जारी अवैध रेत खनन पर सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे है । और दवा करते है की अवैध उत्खनन से एक दाना रेत का नहीं उठने देंगे। जहाँ सहकारिता मंत्री डॉ। गोविंद सिंह द्वारा अवैध उत्खनन को लेकर दिए सार्वजनिक बयान को लेकर प्रदेश भर में माहौल गर्माया हुआ है।वही दूसरी और अनूपपुर और शहडोल जिले में सोन नदी के बकही चाका घाट से लगातार रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चालू है ।रेत के अवैध खनन करने वाले रेत माफियाओं पर प्रशासन रोक लगाने का लाख दावा करती है, लेकिन प्रशासन ही इस दावे पर नाकाम साबित हो रहा है। रेत के दाम इस समय आसमान छु रहे है जिसको लेकर रेत का अवैध खनन जोरो पर चल रहा है। रोक के बावजूद भी सोन नदी से लगातार जोरो पर खनन चल रहा है। सोन नदी से लगे ग्राम बकही ,चाका घाट से ट्रैक्टर ट्राली द्वारा दिन रात रेत निकाली जा रही है जबकि नदी में मौजूद जीव जन्तुओ की मौजूदगी को देखते हुए सभी रेत निकालने पर रोक लगाईं है बावजूद इसके बेधड़क रेत का अवैध खनन जारी है। और इस रेत के अवैध खनन पर लगाम लगाने वाला खनिज विभाग अपनी आँखे बंद किये बैठा है।खनिज बिभाग कार्यवाई के नाम पर कुछ छोटी मछलियों पर शिकंजा जरूर कसता है लेकिन रेत खनन के असली मगरमच्छ प्रशासन के साथ गठजोड़ करके बेधड़क कमाई कर रहे हैं जरूरत है प्रशासन रस्म अदायगी ना करते हुए सीधे रेत का अवैध खनन करने वालों ठिकानों पर धावा बोले तब कहीं जाकर इन खनन माफियाओं पर अंकुश लग पायेगा।