भोपाल।व्यापमं महाघोटाले से जुड़े एक मामले में तीन आरोपियों को बरी करते हुए सीबीआई की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को तल्ख टिप्पणी की। विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने 90 पेज के फैसले में सीबीआई की जांच और व्यापमं की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने व्यापमं के बड़े अधिकारियों को बचाने चपरासी और सिक्युरिटी गार्ड जैसे छोटे कर्मचारियों को मोहरा बनाया। सीबीआई अधिकारी यदि गंभीरता से जांच करते तो वास्तविक अपराधियों को दंडित किया जा सकता था।कोर्ट ने 2013 में व्यापमं द्वारा पुलिस विभाग के लिए आयोजित की गई निम्न श्रेणी लिपिक व शीघ्र लेखक भर्ती परीक्षा के मामले में तीन आरोपियों चपरासी रीतेश कोठे, शंकर सोनी एवं सिक्युरिटी गार्ड आशीष शर्मा को बरी कर दिया, जबकि दो परीक्षार्थी तरुण उमरे और राकेश पटेल को सात साल जेल और जुर्माने की सजा सुनाई।
व्यापम घोटाला /सीबीआई के जांच पर उठे सवाल