आतंकी हमले के दोषी दो पाकिस्तानी सहित चार को फांसी की सजा, एक को उम्रकैद

सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात ढाई बजे आतंकियों ने हमला कर दिया था। आतंकी दिल्ली-लखनऊ मार्ग स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर एक से अंदर घुसे थे। आतंकियों ने गेट पर मौजूद जवानों पर गोलियां बरसाई और हैंड ग्रेनेड भी फेंके। इसके बाद आतंकी एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए सीआरपीएफ केंद्र के परिसर में काफी अंदर तक चले गए थे। इस हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा गेट के बाहर अपने रिक्शा में सो रहे चालक की भी मौत हो गई थी


उप्र/रामपुर,  करीब 12 वर्ष पहले सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमले के छह दोषी को शनिवार को सजा सुना दी गई है। आतंकी हमले में शामिल छह में से चार को फांसी की सजा सुनाई गई है। इनमें दो पाकिस्तानी हैं। आतंकी हमले में इमरान शहजाद, फारूख, सबाउददीन व शरीफ को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि जंग बहादुर को उम्र कैद की। एक अन्य दोषी फहीम को दस साल सजा सुनाई गई है।रामपुर के अपर जिला जज संजय कुमार की अदालत ने छह दोषियों को सजा सुनाई है। इनको कड़ी सुरक्षा में आज कोर्ट में पेश किया गया था। सजा पर भी लंबी सुनवाई हुई। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर, रामपुर पर आतंकी हमले के मुकदमे में तृतीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश संजय कुमार की अदालत ने आठ में से छह को दोषी माना है। दोषियों में दो पाक नागरिक भी हैं। इसी मामले में दो अभियुक्तों पर आरोप सिद्ध न हो सकने के कारण अदालत ने इन्हें दोषमुक्त कर दिया।सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात ढाई बजे आतंकियों ने हमला कर दिया था। आतंकी दिल्ली-लखनऊ मार्ग स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर एक से अंदर घुसे थे। आतंकियों ने गेट पर मौजूद जवानों पर गोलियां बरसाई और हैंड ग्रेनेड भी फेंके। इसके बाद आतंकी एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए सीआरपीएफ केंद्र के परिसर में काफी अंदर तक चले गए थे। इस हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा गेट के बाहर अपने रिक्शा में सो रहे चालक की भी मौत हो गई थी। पुलिस ने हमले के आठ आरोपितों पाक अधिकृत कश्मीर का इमरान शहजाद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का मुहम्मद फारुख, बिहार का सबाउद्दीन उर्फ सहाबुद्दीन, मुंबई गोरे गांव का फहीम अंसारी, उत्तर प्रदेश के जिला प्रतापगढ़ का मुहम्मद कौसर, जिला बरेली के थाना बहेड़ी का गुलाब खांं, मुरादाबाद के ग्राम मिलक कामरू का जंग बहादुर बाबा  और रामपुर का मुहम्मद शरीफ को 10 फरवरी 2008 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सुरक्षा के मद्देनजर इन्हें लखनऊ और बरेली की जेलों में बंद किया गया था।


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