कालाबाजारी रोकने के लिए किराये की ई-पीओएस मशीन से भ्रष्टाचार ?


प्रदेश भर में २९ करोड की पीओएस मशीन का किराया डेढ अरब उचित मूल्य की दुकानो में काला बाजारी रोकने बनी थी पीओएस मशीन की योजना



अनूपपुर। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष २०१५-१६ से मध्य-प्रदेश में खाद्यान्न की काला बाजारी रोकने के लिए ई-पीओएस मशीन प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान में सेल्समैन को उपलब्ध कराया गया है। जहां पीओएस मशीन की कीमत लगभग १२ हजार रूपए होने के बाद भी नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल द्वारा पीओएस मशीन खरीदने की जगह एक निजी कंपनी से किराए पर ले लिया। जहां वर्ष २०१५-१६ से अब तक विभाग ३० करोड अनुमानित कीमत की पीओएस मशीन के बदले अब तक ४ वर्षो में डेढ अरब की अनुमानित राशि का भुगतान कर दिया है।
३० करोड की पीओएस मशीन का किराया डेढ़ अरब
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मध्य प्रदेश के ५२ जिलो में २४ हजार ९३१ उचित मूल्य की दुकानो में १ करोड १७ लाख ३८ हजार ४४५ लाभार्थी परिवार दर्ज है। प्रदेश भर के उचित मूल्य की दुकानो में पीओएस मशीन प्रतिमाह १ हजार ४०० रूपए की दर से किराए में लेकर भुगतान किया जा रहा है। जहां १२ हजार की मशीन की कीमतो के अनुमानित आंकडो के हिसाब से २९ करोड ९१ लाख ८४ हजार की पीओएस मशीन को विभाग ने क्रय करने की जगह प्रतिमाह १ हजार ४०० रूपए की दर से किराए में ले लिया। जिसके आधार पर विभाग कंपनी को प्रतिमाह लगभग ३ करोड ४९ लाख ८०० रूपए किराया का भुगतान कर रही है। वहीं बीते ४ वर्षो में अब तक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल द्वारा कंपनी को १ अरब ६७ करोड ५४ लाख ३० हजार ४०० रूपए के अनुमानित राशि का भुगतान किया जा चुका है।
इन कंपनियों से हुआ ५ वर्षो का अनुबंध
नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल द्वारा वर्ष २०१५-१६ में विजेनटेक लिंकवेल टेली सिस्टम प्राईवेट कंपनी को चार संभाग एवं डीएसके कंपनी को छ: संभाग के उचित मूल्य की दुकानो में पीओएस मशीन किराए से देने एवं मेंटनेंस का कार्य ५ वर्षो तक किए जाने का अनुबंध किया गया, जहां पर डीएसके कंपनी द्वारा कार्य नही किए जाने पर विभाग ने उसे ब्लैक लिस्टेड करते  हुए प्रदेश के ५२ जिलो में विजेनटेक लिंकवेल टेली सिस्टम प्राईवेट लिमिटेड को अनुबंध कर दे दिया। जहां आज यह कंपनी मध्यप्रदेश के २४ हजार ९३१ उचित मूल्य  की दुकानो में किराए से पीओएस मशीन चला रही है। 
४ जी के जमाने में लगी टूजी सिम
मामले में एक और नई बात सामने आई है, जहां विजेनटेक कंपनी द्वारा किराए से दी गई पीओएस मशीन में लगी सिम ४ जी की जगह २ जी लगाई गई है, जहां इस सिम का प्रत्येक माह का रिचार्ज एवं पेपर रोल का खर्च सेल्समैनो द्वारा दिया जा रहा है। वहीं २ जी सिम लगे होने के कारण सर्वर की धीमी गति और सेल्समैन को खाद्यान्न वितरण में लगातार हो रही परेशानी बढ़ती जा रही है। जब इस मुद्दे में अनूपपुर जिले के कई सेल्समैनो से जानकारी ली गई तो उन्होने बताया की सर्वर की धीमी गति के कारण लाभार्थी परिवार को प्रदाय की जाने वाली खाद्यान्न का डेटा मशीन के फिंगर में नही लिए जाने के कारण नही मिल पाता है। एक तरह ४जी के जमाने में कंपनी द्वारा २ जी सिम उपयोग में ला रही है, वहीं बहुत से सेल्समैनो ने बताया की वे मशीन को वाई-फाई के माध्यम से अपने मोबाइल फोन से लकर खाद्यान्न वितरण कर रहे है।
विधानसभा में उठाएगे प्रश्र
पूर्व मंत्री एवं विधायक अनूपपुर बिसाहूलाल सिंह से जब इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होने आश्चर्य व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार के कार्यकाल पर अपने लोगो को लाभ पहुंचाने का अनोखा तरीका है। निश्चित ही इससे शासन की राशि का दुरूपयोग हो रहा है। इस पूरे मामले को मेरे द्वारा विधानसभा सत्र में पटल में उठाया जाएगा और जो यह खेल खेला गया है, उसको विधानसभा के माध्यम से प्रदेश की जनता को बताते हुए इस खेल को बंद कराया जाएगा। 


 


 





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