मुख्यमंत्री बने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र में अब ठाकरे राज

महाराष्ट्र में आज से 'महा विकास अघाड़ी' की सरकार



मुंबई : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे बृहस्पतिवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही ऐसे 8वें मुख्यमंत्री बन गए जो विधायक नहीं रहते हुए भी राज्य के मुख्यमंत्री बने.महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी की सरकार बन गई है। गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ के साथ ही उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने वाले ठाकरे खानदान के पहले सदस्य हो गए। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। समारोह में कई राज्यों के सीएम भी पहुंचे। इसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी शिरकत की।महाराष्‍ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की 'महा विकास अघाड़ी' के नेता के रूप में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उद्धव ठाकरे के साथ-साथ तीनों पार्टियों के छह नेताओं ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। इनमें शिवसेना के कोटे से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई, NCP के कोटे से जयंत पाटिल और छगन भुजबल, कांग्रेस के कोटे से बालासाहेब थोराट और नितिन राउत शामिल हैं। भव्य शपथ ग्रहण समारोह में तीनों दलों के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। शपथ ग्रहण समारोह में NCP प्रमुख शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री दवेंद्र फडणवीस, रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी, राज ठाकरे, NCP नेता सुप्रिया सुले, कांग्रेस के अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन भी मौजूद थे। इससे पहले महाराष्ट्र में चार दिन तक जोरदार सियासी ड्रामा चला था जिसमें देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद इस्तीफ़ा देना पड़ा था। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सामने अब विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती है। अजीत पवार के एनसीपी से बग़ावत करने के बाद बने राजनीतिक हालात का तो इन तीनों दलों ने मिलकर सामना कर लिया लेकिन अब विधानसभा में भी इसी एकजुटता को दिखाते हुए इन्हें इस चुनौती से पार पाना होगा।288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की ज़रूरत है। राज्यपाल ने 3 दिसंबर तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है। साथ ही शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम  भी जारी कर दिया है। इसमें सेक्युलर शब्द पर जोर दिया गया है। इसके अलावा किसानों को राहत देने पर भी फ़ोकस है। सीएमपी में कहा गया है कि महाराष्ट्र में किसान समस्याओं का सामना कर रहे हैं और महा विकास अघाड़ी की सरकार किसानों के कल्याण के लिए काम करेगी। तीनों दलों के इस गठबंधन को महा विकास अघाडी का नाम दिया गया है


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