महराष्ट्र में बीजेपी को इस हार को बीजेपी के कई सीनियर नेताओं ने माना कि महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम से न केवल 'पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है, बल्कि इसकी वजह से पार्टी की विश्वसनीयता और पीएम की छवि को भी धक्का लगा है। साथ ही इससे यह इशारा गया कि बीजेपी सत्ता लोलुप पार्टी है।
बीजेपी को महराष्ट्र में पूरे घटना क्रम को देखते हुएऔर उनके इस हार को बीजेपी के कई सीनियर नेताओं ने माना कि महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम से न केवल 'पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है, बल्कि इसकी वजह से पार्टी की विश्वसनीयता और पीएम की छवि को भी धक्का लगा है।महाराष्ट्र में जो भी कुछ हुआ उसे बीजेपी की बड़ी हार के तौर पर देखा जा रहा है। इस हार ने उसके दो बड़े नेताओं के समझ पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कहा जा रहा है कि 79 साल के शरद पवार ने भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को जबरदस्त तरीके से मात दी है। उनके राजनीतिक अनुभव और चातुर्य का ही कमाल था कि महाराष्ट्र में पहली बार शिवसेना की एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से सरकार के गठन का रास्ता हुआ।सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जैसे ही कहा कि बुधवार शाम 5 बजे तक देवेंद्र फडणवीस को बहुमत सिद्ध करना होगा तो बीजेपी में सन्नाटा छ गया। फैसले के कुछ ही देर बाद पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस्तीफा दिया। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस को भी राजयपाल को इस्तीफा देना पड़ा। महाराष्ट्र की राजनीति के केंद्र में सिर्फ शरद पवार ही पवार थे। ये लड़ाई सीधे मोदी-शाह के खिलाफ थी। और इस लड़ाई में पवार के पावर के आगे मोदी-शाह की जोड़ी की मात हुई।पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद भवन स्थित पीएम के ऑफिस में बैठक की थी।बीजेपी नेता महाराष्ट्र में बहुमत साबित करने को लेकर आश्वस्त थे, उन्हें इस तरह के राजनीतिक घटनाक्रम की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन वे जानते थे कि 'कुछ भी मुमकिन है।'राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र में जो भी कुछ हुआ उससे पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है। ये सिर्फ सत्ता से हाथ धोने भर की बात नहीं है बल्कि यह बीते 18 महीने में पार्टी की छवि पर लगा दूसरा बड़ा आघात है। दरअसल, कर्नाटक में तो सीएम बीएस येदियुरप्पा को शपथ लेने के तीन दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं था। हालांकि, महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ, उस पचड़े में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का भी दफ्तर लपेटे में आ गया। बता दें कि प्रधानमंत्री को मिले विशेष अधिकार का ही इस्तेमाल करके महाराष्ट्र में तड़के राष्ट्रपति शासन हटाया गया और सुबह-सुबह फडणवीस और अजीत पवार के शपथ ग्रहण का रास्ता साफ हो सका।महराष्ट्र में बीजेपी को इस हार को बीजेपी के कई सीनियर नेताओं ने माना कि महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम से न केवल 'पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है, बल्कि इसकी वजह से पार्टी की विश्वसनीयता और पीएम की छवि को भी धक्का लगा है। साथ ही इससे यह इशारा गया कि बीजेपी सत्ता लोलुप पार्टी है।' तीन दिन पहले जिस कदम को बीजेपी के रणनीतिकार 'मास्टरस्ट्रोक' बता रहे थे, अब वो पार्टी के लिए घाव साबित हुआ है।पार्टी के कई वरिष्ठ नेता अजित पवार से हाथ मिलने के फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने अजित पवार के साथ हाथ मिलाने को लेकर बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसते हुए एकनाथ खडसे ने कहा ''जो हमने जिंदगी भर कमाया था, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार के खिलाफ हम लड़ते है, अजित दादा पवार के साथ हाथ मिलाकर हमारी पार्टी ने एक मिनट में सब गंवा दिया।