शिक्षकों को अनिवार्य होगी ई-अटेंडेंस व्यवस्था


जबलपुर। मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। आगामी शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था सख्ती से लागू की जा सकती है। २०१५ में लागू की गई यह व्यवस्था 2016 में सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की जनहित याचिका पर मध्यप्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ ने ई-अटेंडेंस पर रोक लगा दी थी। मध्यप्रदेश सरकार ने 2017 में फिर इसे सख्ती से लागू किया गया। एक अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद फिर अटेंडेंस व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई। फिर इसे 11 जून से लागू कर दिया गया। 2018 के जून-जुलाई में शिक्षकों के विरोध के बाद सरकार को एक बार फिर से निर्णय बदलना पड़ा था।अधिकारियों का मानना है सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति बहुत कम है, इससे पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। जांच में भी यह पाया गया कि 55 फीसदी शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं और कुछ स्कूल तो जाते हैं परंतु आधे समय बाद लौट जाते हैं। मोबाइल शिक्षक ऐप के माध्यम से ई-अटेंडेंस को लेकर शिक्षक इसलिए भयभीत हैं कि इससे आने-जाने के समय की मॉनीटरिंग होने लगेगी। इस सॉफ्टवेयर से शिक्षक की लोकेशन भी पता चलेगी कि वह स्कूल में है या कहीं ओर से अटेंडेंस दे रहा है। मध्यप्रदेश के जबलपुर संभाग में 50 हजार विभिन्न् संवर्ग के शिक्षक हैं। इन शिक्षकों के मोबाइल नंबरों को अपडेट कर सर्वर से फिर जोड़ा जाएगा। मॉनीटरिंग के लिए भोपाल में मुख्य सर्वर लगाने की तैयारी की जा रही है।


Popular posts
लोकतंत्र पर हमला: पत्रकार सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही की अनदेखी अस्वीकार्य
Image
अनूपपुर जिले में आवारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाओं का बढ़ता संकट, शिव मारुति युवा संगठन ने कलेक्टर से की कार्यवाही की मांग
Image
श्री सिद्धिविनायक गणेश उत्सव समिति ने 14 यूनिट रक्त दान कर पेश की मिसाल
Image
आखिर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन कब तक?
Image
पाँच हजार की शास्ति से अनीता राय संचालक लोक सेवा केन्द्र जैतहरी दण्डित
Image