सुप्रीम कोर्ट ने किया राफेल विमान सौदे को लेकर दायर सभी पुनर्विचार याचिका खारिज


राफेल विमान सौदा 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक बड़ा मुद्दा बन गया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें पूरे सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था. साथ ही विमान की कीमत, कंपनी की भूमिका और कांन्ट्रैक्ट को लेकर कई सवाल खड़े किए गए थे.सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के फैसले में कहा था कि इस मामले में वो दखल नहीं दे सकती. जिसके बाद कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने कोर्ट को गुमराह किया है.


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर दायर की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने 36 राफेल विमान की खरीद को लेकर यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण की याचिका को खारिज कर दिया है.सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हमें नहीं लगता कि राफेल विमान सौदा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने या बेवजह जांच का आदेश देने की जरूरत है कोर्ट के 14 दिसंबर 2018 के जजमेंट के खिलाफ ये दायर सभी याचिकाएं दायर की गई थी. राहुल गांधी द्वारा कोर्ट की अवमानना के मामले को भी अदालत ने खारिज कर दिया और राहुल गांधी को भविष्य में ध्यान रखने को कहा है.राहुल गांधी द्वारा माफी मांग लिए जाने के बाद कोर्ट ने इस मामले को बंद कर दिया और भविष्य में गांधी को ध्यान रखने को कहा है. गांधी ने कहा था कि कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. इसके बाद मीनाक्षी लेखी ने उनके खिलाफ केस दायर किया था.राफेल विमान सौदा 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक बड़ा मुद्दा बन गया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें पूरे सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था. साथ ही विमान की कीमत, कंपनी की भूमिका और कांन्ट्रैक्ट को लेकर कई सवाल खड़े किए गए थे.सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के फैसले में कहा था कि इस मामले में वो दखल नहीं दे सकती. जिसके बाद कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने कोर्ट को गुमराह किया है.कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को राहत देने के बाद इस मामले में पूर्व केंद्र मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई तीन सदस्यीय पीठ कर रही है. जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे हैं. जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ भी पीठ में शामिल है.राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए थे. ये सभी आरोप विमान के खरीदने की प्रक्रिया में गलत तरीका अपनाने से जुड़ा था. लेकिन इससे इतर केंद्र सरकार के तरफ से आए अभी तक के सभी बयानों में कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरापों को गलत बताया गया है.विपक्ष इस पूरे डील को लेकर सवाल उठाता आया है. विमानों के दामों को लेकर विपक्ष ने कहा कि ये डील काफी महंगा है. वहीं एनडीए सरकार ने दावा किया था कि यह सौदा उसने यूपीए से ज्यादा बेहतर कीमत में किया था.इस समझौते से जुड़े दस्तावेज़ को सार्वजनिक करने की भी मांग विपक्ष कर रही थी. विपक्ष का कहना था कि अगर ये डील सही तरीके से हुई है तो सरकार को दस्तावेज छुपाने क्यों पड़ रहे हैं.


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