प्राधिकरणों की अधिगृहित जमीन किसानों को लौटाई जाएगी/कैबिनेट मंजूरी

भोपाल. मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में बुधवार को सबसे महत्वपूर्ण निर्णय किसानों को लेकर लिया। सरकार ने फैसला किया है कि राज्य के शहरी विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिगृहित की गई जमीन किसानों को वापस लौटाई जाएगी, इनमें वह जमीन शामिल है, जिसका उपयोग नहीं हुआ है और खाली पड़ी है। इसमें प्रदेश में विकास प्राधिकरण के 84 परियोजनाएं हैं, जिनमें 66 ऐसी हैं, जहां पर 10 फीसदी से भी कम काम हुआ है, ये जमीनें किसानों को वापस लौटाई जाएंगी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। इसके जरिए 40 साल बाद कानून में संशोधन होगा।
इन  प्रस्तावों को मंजूरी 


अतिथि विद्वान को सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा। खाली पदों पर इन का समायोजन होगा, पीएससी परीक्षा में 20 अंक अतिरिक्त अनुभव के आधार पर।
भोपाल के खानूगांव में वाटर स्पोर्ट्स नोड बनाने को मंजूरी दी गई है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय को एक हेक्टेयर से ज्यादा जमीन कलेक्टर गाइडलाइन पर दी जाएगी। 
विकास प्राधिकरणों के तहत बनने वाली परियोजनाओं के लिए अनुमति देने की टाइम लिमिट तय होगी। 
राघौगढ़ की नारायणपुर शक्कर मिल में किसानों को गन्ने का मूल्य चुकाने के लिए सरकार ने लोन देना मंजूर किया, इससे दतिया, गुना, राघौगढ़ के किसानों को फायदा होगा।
मुख्यमंत्री बागवानी खाद्य प्रसंस्करण योजना में 100 करोड़ रुपए के निवेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत अलग-अलग क्रेस्टर बनाए जाएंगे। 
अधिकतम सब्सिडी 50,0000 तक की मिलेगी। 
आदिवासियों की कर्ज माफी अध्यादेश को विधानसभा में प्रस्तुत करने की मंजूरी भी कैबिनेट में दे दी गई है। 
इंदौर के निनोरा श्री सत्य साईं अस्पताल को 10 एकड़ जमीन बच्चों के हृदय रोग काअस्पताल खोलने के लिए नि:शुल्क देने का फैसला लिया गया है।


 


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