सिंहस्थ में 12 करोड़ की पानी की टंकी (खरीदने के लिए तीन बार टेंडर किए गए और फिर बाज़ार की कीमत से ज़्यादा दाम पर टंकियां ख़रीदी गयीं. शिकायत की जांच की गयी तो तथ्यों की पुष्टि हुई. उसके बाद EOW ने बीजेपी सांसद जी एस डामोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
भोपाल ,मध्यप्रदेश के सियासी समर में सिंहस्थ घोटाले का जिन्न फिर निकल आया है. इस बार सिंहस्थ घोटाले की जांच की आंच बीजेपी सांसद जी एस डामोर तक पहुंची है. EOW ने सिंहस्थ के दौरान टंकी खरीदी में हुई गड़बड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. ये गड़बड़ी उसी दौरान हुई थी जब जी एस डामोर इंदौर में पदस्थ थे और पीएचई के चीफ इंजीनियर थे. सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह का कहना है टंकी खरीदी में घोटाले के आरोप गंभीर हैं. लिहाजा जी एस डामोर को जांच में सहयोग करना चाहिए इस पर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने EOW की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है. उनका कहना है सिंहस्थ घोटाले में सरकार के मंत्री ही पहले क्लीन चिट दे चुके हैं. एमपी की सियासत में सिंहस्थ घोटाले का मुद्दा बार-बार उठाया जाता है. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने इसे सदन से लेकर सड़क तक बड़ा मुद्दा बनाया था.