कलेक्टर ने कोरोना वायरस के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाते हुए उसे तत्काल जांचएवं इलाज हेतु जबलपुर के लिए रेफर किया था
शहडोल। जिले के धनपुरी नगरपालिका के वार्ड नंबर 24 में रहने वाली दीपिका पाल नामक महिला की जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत गई है, बीमारी के लक्षणों को देखकर कयास लगाये जा रहे थे कि महिला कोरोना पीडि़त हो सकती है,लेकिन रविवार को आईसीएमआर ने जो रिपोर्ट जारी कि उसमें दीपिका यादव की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई, बल्कि वह इन्फ्लूएंजा-ए से पीडि़त थी, आईसीएमआर के मुताबिक यह आम वॉयरल इंफेक्शन हैं, जो कि घातक होता है, जो कि मौत की ओर भी ले जा सकता है, हाई रिस्क ग्रुप में पाया जाता है। जो कि बुखार के जरिए फेफड़े, नाक और गले में फैलता है। जो कि बड़े बच्चो, वयस्क, गर्भवती महिलाओं के साथ ही विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों को अपने चपेट में ले लेता है और युमिनिटी सिस्टम को कमजोर कर देता है जिसमे मरीज की मौत तक हो सकती है, महिला के फेफड़ों में पानी भर गया था, जिसे निकालने के लिए पहले उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया, जिस के बाद महिला के फेफड़ों से इंजेक्शन के माध्यम से पानी निकाला जा रहा था, डॉ प्रशांत जैन और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा किए जा रहे इस ऑपरेशन के बाद फेफड़ों से पानी तो निकाल लिया गया, लेकिन उसे दी गई बेहोशी की दवा का असर खत्म होने के बाद भी उसे होश नहीं आया।काफी देर होश न आने पर जब चिकित्सकों ने उसका परीक्षण किया तो यह बात सामने आई कि उसकी मौत हो चुकी है, मृतक महिला दीपिका पाल के भाई भोला पाल से हुई चर्चा के दौरान बताया कि उसकी बहन लंबे अरसे से बीमार थी, उसे दमा की बीमारी के साथ ही थायराइड की बीमारी भी थी।