अब तक 6 गैर-बीजेपी शासित राज्य लॉकडाउन जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं। इनमें ओडिशा, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल ,तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं। इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों ने भी अपने यहां लॉकडाउन जारी रखने की मंशा जाहिर की है लेकिन उन्हें केंद्र के फैसले का इंतजार है।
भारत में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन को और आगे बढ़ाया जा सकता है ,कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से न सिर्फ अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, बल्कि आम जनजीवन भी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। ऐसे में इसे लंबे समय तक चलाना सरकार को भारी पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना प्रभावितों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है, इसलिए केंद्र सरकार ने अभी तक लॉकडाउन को खत्म करने के लिए अपनी तरफ से कुछ नहीं कहा है। अलबत्ता कई राज्यों ने अपने तौर पर इसे दो सप्ताह और बढ़ा दिया है। तमिलनाडु भी आज उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया जिन्होंने लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिए बढ़ाया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन के आखिरी दिन यानी 14 अप्रैल मंगलवार सुबह 10 बजे देश को संबोधित करेंगे। तरह-तरह के कयास हैं कि प्रधानमंत्री क्या ऐलान करेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को देश के सामने रखे। ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना प्रभावित 905 नए मामले सामने आए हैं वहीं इस अवधि में 51 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 9352 हो गई है। इन 9352 मामलों में 8048 सक्रिय केस हैं जबकि 980 लोग ठीक हुए है या अस्पताल से उनको छुट्टी मिल गई है। वहीं कोरोना से कुल मौतों का आंकड़ा 324 पहुंच गया है।इन आंकड़ों के साथ ही एक और बात सामने आई है कि देश के आधे से ज्यादा जिले इस वायरस से प्रभावित हैं तो वहीं बहुत से जिले ऐसे हैं जहां इस वायरस के पांव नहीं पहुंचे हैं। इसके अलावा सोमवार से ही सरकार के मंत्रालय खुल गए और मंत्रियों के साथ ही संयुक्त सचिव और ऊपर के अधिकारियों ने दफ्तरों से ही काम करना शुरु कर दिया। ऐसे में संभावना यही है कि पीएम मोदी जब मंगलवार सुबह 10 बजे देश को संबोधित करेंगे तो लॉकडाउन जारी रखने के साथ ही तमाम रियायतों का ऐलान करेंगे।लेकिन रियायतों के साथ ही उस फार्मूले को भी अपनाया जाएगा यूपी, दिल्ली और हरियाणा के साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने अपनाया है। यानी वायरस के प्रभाव वाले इलाकों की पहचान कर उन्हें अलग-अलग जोन के तौर पर चिह्नित करना और बाकी इलाकों में कारोबारी गतिविधियों को जारी रखना। लेकिन इस सबके बीच आम जनजीवन के आवागमन आदि पर पांबदी और सोशल डिस्टेसिंग के साथ ही मास्क के प्रयोग को अनिवार्य किया जा सकता है।यहां गौरतलब है कि 21 दिन के लॉकडाउन से राज्य सरकारों को राजस्व में 50 से 75 फीसदी तक का नुकसान हुआ है, साथ ही फसल कटाई और सरकारी खरीद का सीजन भी सिर पर है। इन दोनों कारण से लॉकडाउन के बीच ही रियायतें देना एक तरह से लाजिमी हो गया है।जो संकेत हैं उसके मुताबिक लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी किसानों को छूट जारी रहेगी। इस लॉकडाउन में सरकार यह पक्का करेगी कि फसल की उपज और खरीद में किसी तरह की दिक्कत न हो। यहां तक रेड और ऑरेंज जोन में भी सब्जियां घर तक पहुंचाने का इंतजाम किया जाएगा। यानी सब्जी-तरकारी की कमी नहीं होने दी जाएगी, साथ ही मत्स्य उद्योग को भी कुछ छूट दी जा सकती हैं।इसके अलावा कामगारों और मजदूरों की हालत सुधारने और उनकी जीविका के लिए उनके हाथ में पैसा देने के लिए छोटे और मध्यम कारखानों को चलू कराया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सुझाव यह है कि कारखानों में मजदूरों को अंदर ही रहकर काम कराया जाए और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाए। इसी मोर्चे पर दूसरा विकल्प यह है कि मजदूरों के लिए आने-जाने की अलग से व्यवस्था कराई जाए।