पांच फीसद महंगाई भत्ता बढ़ाकर देने पर रोक प्रदेश के कर्मचारियों के मनोबल तोड़ने जैसा आदेश :फुंदेलाल


 वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ रहे प्रदेश के कर्मचारियों के मनोबल तोड़ने जैसा आदेश है जो की दिन रात अपनी जान की परवाह किये बिना संवेदनशील जगहों पर जा जा कर अपनी सेवाएं दे रहे है।  भारतीय जनता पार्टी की सरकार  कर्मचारी और जन बिरोधी सरकार है इनका काम दिखावे कर सत्ता में बने रहना चाहते है मै इस निर्णय की घोर निंदा करता हूँ साथ ही कमलनाथ जी का आभारी हूँ जिन्होंने यह निर्णय  लिया था 


अनूपपुर /दुनिया कोरोनावायरस महामारी के रूप में आधुनिक काल के सबसे गंभीर संकट का सामना कर रही है कोरोनावायरस की वजह से पूरी मानवता पर संकट छाया हुआ है भारत में ज़्यादातर राज्य और केंंद्र शासित प्रदेश लॉकडाउन की स्थिति में हैं.  ऐसी स्थिति में केंद्र एवं  राज्यों ने अपने लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है जिससे लॉकडाउन के दौरान बिगड़ने वाली आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित हो सके वही दूसरी तरफ  मध्यप्रदेश  में पूर्व कमलनाथ सरकार द्वारा कर्मचारियों के  हित में ऐतिहासिक फ़ैसला लिया था.जिसे  प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने स्वागत किया था.लेकिन मप्र की वर्तमानमें  शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जारी लड़ाई के बीच सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते  में की गई बढ़ोतरी को अगले आदेश तक रोक दिया है. मार्च के वेतन से महंगाई भत्ता देने का फैसला कमल नाथ सरकार ने 16 मार्च को लिया था। विभागों ने इसकी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन शुक्रवार को वित्त विभाग ने आदेश के क्रियान्वयन को रोकने के निर्देश दे दिए। कमल नाथ सरकार ने एक जुलाई 2019 से प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया था। इसके लिए पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता सातवां वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों को स्वीकृत किया गया था।बहरहाल कारण कुछ भी हो जब हम सीधे तोर  पर इस आदेश के लिए पुष्पराजगढ़  से बात की तो होने कहा वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ रहे प्रदेश के कर्मचारियों के मनोबल तोड़ने जैसा आदेश है जो की दिन रात अपनी जान की परवाह किये बिना संवेदनशील जगहों पर जा जा कर अपनी सेवाएं दे रहे है।  भारतीय जनता पार्टी की सरकार  कर्मचारी और जन बिरोधी सरकार है इनका काम दिखावे कर सत्ता में बने रहना चाहते है मै इस निर्णय की घोर निंदा करता हूँ साथ ही कमलनाथ जी का आभारी हूँ जिन्होंने यह निर्णय  लिया था