पुलिस के लिए पहेली बनी रामचंद्र की हत्या



न्याय की आस में भटक रही पीड़िता


पुलिस की कार्य प्रणाली से परेशान पब्लिक अब बेहाल हो गई है। हालत इतने बदतर हो चुके है कि लोग अब पुलिस से परेशान होकर अपनी जान तक देने को आमादा हो जा रहे हैं। जिले में खुलेआम आपराधिक मामलों को पुलिस मैनेज कर रही है और पीड़ित परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अनूपपुर जिले के बिजुरी थाने का है जहाँ पीड़ित महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही है और ब्यवस्था ऐसी कि उसे मासूम बच्चों के लिए नेताओं के साथ-साथ अधिकारियों की चौखट पर सर पटकने को मजबूर कर रही है बावजूद इसके महिला की समस्या का कोई निस्तारण नहीं हो सका।


हत्या को हादसा बता रही पुलिस -
बिजुरी की रहने वाली प्रीति का आरोप है कि उसके पति की हत्या की गई है, जबकि पुलिस इसे मात्र हादसा बता रही है। प्रीति का कहना है कि रामचंद्र की हत्या बिजुरी पुलिस द्वारा की गई है। इस मामले में महानिरीक्षक पुलिस को तहरीर देकर सब कुछ बताया गया लेकिन पुलिस कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। महिला का आरोप है कि पुलिस बिजुरी के कुछ दलालो से मिलकर मामला मैनेज करने में जुटी है।


विकल्प की तलाश में पीड़िता -
वहीं, महिला के मुताबिक पुलिस हत्या से इनकार कर रही है और पूरी घटना को दुर्घटना बताकर कार्रवाई से अपना पल्ला झाड़ रही है, जिससे वह बेहद दुखी हैं। कई बार पुलिस अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही। प्रीति ने बताया कि वह  पुलिस की कार्यप्रणाली से बेहद दुखी है लिहाजा अब उसे अपने व बच्चो के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि न्याय तो उससे कोसो दूर नज़र आ रहा है अतः वह सभी विकल्पों पर विचार कर रही है और जो कुछ होगा उसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।


स्वामी ने दिया प्रभारी को अभयदान -
कहते हैं हर मामले में राजनीति नही करनी चाहिए लेकिन नेताओं का मानना है कि मामला है तो फिर राजनीति भी होगी ही.! ऐसा ही कुछ इन दिनों बिजुरी में देखने को मिल रहा है जहाँ एक तरफ पीडित महिला को न्याय दिलाने के लिए भाजपा के कर्मवीर लगे हुए हैं, वही दूसरी तरफ स्वामी जी अपना मायाजाल फैला रहे हैं। बिजुरी की राजनीति में स्वामी जी का अपना अलग ही रसूख है, बिना उनकी सहमति के महिला वरिष्ठ अधिकारियों के पास न्याय की गुहार लगाने पहुंच गई और अधिकारियों को अपनी बात से संतुष्ट भी कर दिया। स्वामी जी ने यही से मामले को नया मोड़ देते हुए अपने चंद चाटूकारों से प्रभारी के पक्ष में बयान दिलाकर अधिकारियों को गुमराह कर दिया और पीड़ित महिला को न्याय से कोसो दूर कर दिया। एक तरफ पूरी कोयलांचल की संवेदना महिला के साथ है तो दूसरी तरफ प्रभारी के पक्ष में स्वामी और उनके भक्त खड़े नजर आ रहे हैं। इन सबके बीच पीड़ित महिला अब भी न्याय की आस में उस तराजू को देख रही है कि सत्य का पलड़ा आखिर कब तक कमजोर रहेगा।


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