प्रदीप मिश्रा:-
कोतमा /अब सरकारी कर्मचारियों के लिए भ्रष्टाचार करना आम बात हो गया है ये जान चुके हैं कि शिकायत की जांच अपने ही विभाग के अधिकारी करेंगे जिसमें बचने के उम्मीद ज्यादा होते हैं, इसीलिए ये कर्मचारी भ्रष्टाचार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते ऐसा ही हाल इन दिनों अनूपपुर जिले का है !जिले के बदरा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत ऊरा में जब उपसरपंच ने विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई तब पता चला कि करोड़ों का सप्लायर चपरासी भी बनकर पेमेंट लेता रहा सचिव साहब बकायदा उसे भुगतान भी करते रहे आश्चर्य की बात यह है कि लगातार पिछले 5 वर्षों से शीलभद्र जोशी फर्म के नाम से करोड़ों से ऊपर की सप्लाई ग्राम पंचायत ऊरा कर चुका है, बावजूद चपरासी का भुगतान अपने नाम से लेना भी एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है यह सब जांच का विषय है जांच पर ही सब पता चलेगा !सचिव की मेहरबानी सप्लायर पर- ग्राम पंचायत उरा के उपसरपंच नागेंद्र सिंह सहित पंचों ने शिकायत करते हुए बताया था कि पंचायत में किसी भी प्रकार से टेंडर धार्मिक कार्य हो उन सबका काम शीलभद्र जोशी को ही देकर बिल काटा जाता है, इसके अलावा पंच परमेश्वर मद, पुलिया निर्माण कार्य, सर्व शिक्षा अभियान पंचायत भवन में मैटेरियल सप्लाई करोड़ों से ऊपर का भुगतान शीलभद्र जोशी के नाम से किया जा चुका है जिसकी शिकायत सौंपते हुए जांच की मांग की थी !जांच में मिला था भ्रष्टाचार- उप सरपंच की शिकायत पर पहुंचे जांच अधिकारियों ने भी या पाया था कि निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार हुआ है वही सप्लायर को लाभ पहुंचाने के लिए अधिक बिल काटे गए हैं और तो और इसी सप्लायर को चपरासी का भी भुगतान किया गया है जिसकी जांच रिपोर्ट मौके में ही बना कर उच्च अधिकारियों को सौंपने की बात जांच दल ने कही थी !
इनका कहना है
पिछले 5 वर्षों में शीलभद्र जोशी को लगभग करोड़ों का भुगतान किया जा चुका है भ्रष्टाचार की हद पार हो गई जब चपरासी की भी के भी भुगतान शीलभद्र जोशी को ही दे दिया गया हमारे द्वारा शिकायत की गई है जांच में भी सही पाया गया है, कार्यवाही का इंतजार है !
नागेंद्र सिंह
उप सरपंच ग्राम पंचायत उरा
ग्राम पंचायत ऊरा से मिली शिकायत पर जांच करने गए थे जिसमें गड़बड़ियां मिली है मौके पर ही जांच बनाकर उच्च अधिकारियों को सौंप दिया गया है कार्यवाही जारी है!
जीके मिश्रा
जांच अधिकारी