प्रदीप मिश्रा :-
कई विभागों के कार्य अभी है प्रभावित
अनूपपुर/ शासन ने तो पक्के निर्माण कराने के लिए विभागों को निर्देशित कर दिए हैं लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जिले में एक भी रेत खदान नहीं है जिससे निर्माण कार्यों में तेजी नहीं आ पा रही बताया गया कि निर्माण कार्य में जो भी रेत अभी लगाए जा रहे हैं वह अधिकतर चोरी के होते हैं, अभी अनूपपुर जिले में रेत उपलब्ध कराने के लिए नियम तो बनाए गए हैं लेकिन अभी तक विभागों को रेत उपलब्ध होने की संभावना नहीं दिख रही है !
हजारों हितग्राही के बनने है आवास-
जिले में सबसे बड़ी विडंबना यह है कि रेत की उपलब्धता न होने के कारण ग्रामीण अंचलों में आए प्रधानमंत्री आवास योजना में तेजी नहीं आ पा रही है इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों तक रेत नहीं पहुंच पा रहे, अगर पहुंच भी पा रही है तो मनमाने रेट के कारण हितग्राही रेत लेने से मना कर रहे हैं ,वहीं अब कड़े कानून आ जाने के कारण रेत माफिया भी रेत ढोने में डर रहे हैं, कोतमा जनपद अंतर्गत लगभग 1460 प्रधानमंत्री आवास तो ही पुष्पराजगढ़ में 6465 प्रधानमंत्री आवास बदरा जनपद में 25 सौ आवास बनने का लक्ष्य 2019 /20 में आया है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जब रेत की खदान जिले में कहीं नहीं है तो इनके आवास कैसे पूरे होंगे इस संबंध में जनपद सीईओ का कहना है कि यह बात सही है कि अभी तक हितग्राहियों को रेत सही मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही इसके लिए हमने प्रशासन को स्टीमेट भेजा है जल्द ही प्रशासन रेत उपलब्ध कराएगी !
लुट रहे हितग्राही-
शासन के निर्देशानुसार 1 क्यूबिक मीटर रेत की कीमत ₹195 होती है लेकिन रेत की खदान ना होने के कारण माफिया भी इसका पूरा फायदा उठाते हैं जिस रेत की कीमत बाजार में ₹600 है उस रेत को माफिया सीधे 2000 से 2500 सौ के बीच हितग्राहियों को पहुंचाते हैं, जिससे पूरा नुकसान हितग्राहियों को होता है एक प्रधानमंत्री आवास योजना भवन बनने के लिए 13 से 15 ट्रैक्टर ट्रॉली रेत की आवश्यकता होती है जिसकी कीमत 35 से 40 हजार के आसपास आंकी गई है ऐसे में हितग्राही अपना मकान पूरा सही ढंग से नहीं बना पाता हितग्राहियों का कहना है कि रेत कहीं मिल नहीं रही है इसलिए हमें मनमाने ढंग रेट से रेत खरीदनी पड़ती है !
अन्य विभागों का यही हाल-
जिले में पी डब्लू डी, आर ई एस, पीआईओ सहित कई विभाग ऐसे हैं जिसमें भवन के निर्माण कार्य जारी है और उन्हें भी लागत के अनुसार रेत उपलब्ध नहीं हो पा रही ऐसे में निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है यहां के ठेकेदारों का कहना है कि रेत की कोई खदान ना होने के कारण रेत माफियाओं से रेत खरीदी कर निर्माण कार्य पूरा करना पड़ रहा है वहीं इसके एवज में मनमाने रेट भी चुकाने पड़ रहे हैं !
रेत उपलब्ध कराने की प्रक्रिया नहीं हो सकी पूरी -
रेत उपलब्ध कराने के लिए हाल ही के दिनों में जिला कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों को ऑफलाइन पर्ची उपलब्ध कराई थी लेकिन उसमें भी गड़बड़ी को देखते हुए 1 सप्ताह के अंदर ही उस पर्ची को निरस्त कर दिया गया फिर से 26 मई को मध्य प्रदेश शासन के द्वारा या निर्देश आए ऑनलाइन टीवी के माध्यम से सरकारी निर्माण कार्यों के लिए रेत उपलब्ध कराई जाए जिसकी प्रक्रिया अभी चल रही है, गौरतलब है कि कुछ ही दिनों बाद बरसात आ जाएंगे और नदियों में पानी भर जाने के कारण रेत निकासी नहीं की जा सकती जिस से जिले में हो रहे निर्माण कार्य फिर से दो-तीन महीने तक पूरा नहीं हो सकेगा अब देखना होगा कि जिला प्रशासन कब तक शासकीय कार्यों के लिए रेत उपलब्ध करा पाती है या फिर चोरी के रेत से ही कार्य पूरे कराए जाएंगे !
इनका कहना है
यह बात सही है कि रेत के बिना बहुत ही काम प्रभावित हो रहे हैं, हमारे जनपद क्षेत्र अंतर्गत पीएम आवास सहित भवन निर्माण सीसी रोड बनने हैं जिसके लिए प्रस्ताव भेजा है, पैसा जमा करने को कहा गया है जल्द ही हितग्राही सहित निर्माण कार्यों के लिए रेत उपलब्ध हो सकेगी !
एमपी सिंह पटेल
मुख्य कार्यपालन अधिकारी पुष्पराजगढ़
26 मई को मध्य प्रदेश शासन के द्वारा यह आदेश आया है की सरकारी निर्माण कार्यों के लिए रेत उपलब्ध कराई जाए जिसके लिए आवेदन भी आ चुके हैं एक-दो दिनों में ईटीपी जारी हो जाएगी, जिससे समस्त विभागों को रेत उपलब्ध उपलब्ध होने लगेंगे !
राहुल शांडिल
खनिज अधिकारी अनूपपुर