कोरोना काल में आत्मघाती पत्रकारिता का मानव धर्म

 रोहित सरदाना को विनम्र श्रद्धांजलि ....एक ध्यानाकर्षण

( मनोज कुमार द्विवेदी - अनूपपुर , मप्र)

कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवाने वाले पत्रकारों की फेहरिश्त बहुत लंबी होती जा रही है।‌ आजतक चैनल के सर्वश्रेष्ठ एंकर, वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना के आकस्मिक निधन ने राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता जगत को हिला कर रख दिया है। शुक्रवार की दोपहर जब रोहित सरदाना के दुखद निधन की खबरें समाचार चैनलों से पहले सोशल मीडिया पर आईं तो सहसा भरोसा नहीं हुआ। 

42 वर्षीय रोहित सरदाना अत्यंत मजबूत, बेहतरीन ,राष्ट्रवादी पत्रकारों में गिने जाते रहे हैं, जिनका दखल सत्तारुढ दल और संभवत: सीधे पीएमओ तक माना जाता रहा है।  देश की राजधानी दिल्ली के स्थापित पत्रकारों में शुमार रोहित सरदाना जैसे वरिष्ठ पत्रकार के कोविड वायरस के चपेट में आने के बाद देश के नामचीन अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। तमाम वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम ने उन्हे बचाने की भरसक कोशिश की। लेकिन कोविड संक्रमण ने देश की पत्रकारिता का एक नायाब हीरा हमसे छीन लिया। 

   रोहित सरदाना के निधन पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ केन्द्रीय मंत्रियों, विपक्ष के सभी नेताओं, राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों, मुख्यमंत्रियों, राज्यों के मंत्रियों , मीडिया हाउसेस, पत्रकारों, समाजसेवियों सहित समाज के प्रत्येक वर्ग ने उन्हे भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित दे कर , संवेदना प्रकट किया है। भारत की पत्रकारिता जगत के लिये यह अपूरणीय क्षति है। दो छोटी बेटियों के साथ रोहित की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं, जिससे एक युवा पत्रकार के पीछे रोते ,बिलखते परिवार कॆ  दुख और पीड़ा को महसूस किया जा सकता है।

  भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार संजीव जैन ने स्व सरदाना को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा है कि 

स्व.रोहित सरदाना ... 

मीडिया के लिए आज एक खबर ...सरकार के लिए आज का आंकड़ा...लेकिन, अपनी मासूम बच्चियों का

  "ALWAYS BEST PAPA"... 

पत्रकारिता की यह चकाचौंध भरी दुनिया है । यकीन मानिए...

जब तक आप हैं , तब तक सब साथ हैं । उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें । 

संजीव जैन की यह पोष्ट...उनके मन के भाव , आत्मा को हिला देने वाले...हमारी औकात दिखा देने वाले...जमीन हिला देने वाले हैं । समय - समय पर अपने पत्रकार मित्रों को आगाह करने की कोशिश मैं करता रहा हूँ । कोरोना संक्रमण से जिले के कुछ पत्रकार प्रभावित हुए हैं । कुछ की जान भी चली गयी।  राजनगर के त्रिनेश मिश्रा के गुजर जाने के बाद उनके पीछे कच्ची गृहस्थी रह गयी है। नई दुनिया के राम चन्द्र नायडू जिला अस्पताल के आई सी यू में संघर्ष कर रहे हैं। 

 पत्रकार बन्धुओं के लिये रोहित सरदाना की मौत एक गंभीर चेतावनी है। कोरोना एक    वैश्विक आपदा है... देश में गंभीर - खतरनाक बीमारी का दौर चल रहा है।  हम सोचते थे कि भोपाल ,दिल्ली के बड़े पत्रकार बन्धु खतरे से बचे हुए हैं। लेकिन नहीं...जब दिल्ली ,भोपाल के बडे अस्पताल उन्हे नहीं बचा पा रहे...तो हम ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों का तो ईश्वर ही मालिक है।

2020 के कोरोना संक्रमण से 2021 का कोरोना अधिक खतरनाक, अधिक प्राणघातक है। पत्रकारिता और समाजसेवा की लत हमें खतरों का खिलाड़ी बना देती है। कोरोना के खतरों से डरा - सहमा समाज , जनप्रतिनिधि जब घरों में दुबके बैठे हैं...अस्पताल, कोविड सेंटर, श्मशान,  संक्रमित मरीज,आक्सीजन, रेमडेशिविर, दवाओं , भूखे - गरीब ,मजदूर की खबरें जन मानस तक, अधिकारियों, जिम्मेदारों तक पहुंचाने और समस्याओं को दूर करने, मरीजों को सक्षम इलाज दिलवाने की जद्दोजहद रोज हमें घर से बाहर निकलने को मजबूर करती है। समाचार , सूचनाएँ सिस्टम को व्यवस्थित , जनकल्याणकारी बनाए रखने की जरुरत है तो पत्रकारों के लिये जारी दौर में बडा खतरा भी। इस खतरे से दो - चार होते हुए, अपने प्राण संकट में डालते हुए हमारे पत्रकार बन्धु किसी अन्य कोरोना वारियर के कम महत्वपूर्ण कार्य नही कर रहे। लेकिन कोई सरकार इस योगदान को गिनने-- मानने को तैयार नहीं ।

रीवा के वरिष्ठ पत्रकार अनिल त्रिपाठी म प्र के मुख्यमंत्री

 शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर पत्रकारों को कोरोना योद्धा के रूप में मान्यता देने की मांग करते हुए कहते हैं कि

वैश्विक महामारी के दौर में जब सूचनाओं के संकलन की अत्यंत आवश्यकता है, कोरोना कर्फ्यू एवं लॉकडाउन के दौर में सूचनाओं का संप्रेषण पत्रकार जगत द्वारा जान की बाजी लगा कर , कर रहे हैं । उन्होंने मांग की है कि  प्रदेश के सभी अधिमान्य और गैर अधिमान्य पत्रकारों को कोरोना योद्धा के रूप में शामिल कर योजनाओं से लाभान्वित करें।

एक पत्रकार के रुप में मैं ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूं कि  रोहित सरदाना जी की आत्मा को श्री चरणों में जगह दें। उनकी कच्ची गृहस्थी, छोटे बच्चों को बहुत मजबूती, बडी ताकत प्रदान करें।

मेरी अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि

ॐ शान्ति:।

इसके साथ ही सभी पत्रकार मित्रों से कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी नियम- कायदों का सख्ती से पालन करने, टीका अवश्य लगवाने तथा यथा संभव बाहर ना निकलने, भीड में ना जाने की अपील करता हूँ ।

ॐ शान्ति:


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