खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने प्रभार जिलो के कलेक्टर को दिए निर्देश निःशुल्क खाद्य वितरण में न हो कोई कोताही

 


अनूपपुर / मध्यप्रदेश शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि कोरोना काल में गरीब ज़रूरत मंद परिवारों को राज्य शासन द्वारा 3 माह एवं केंद्र शासन द्वारा 2 माह का निःशुल्क खाद्यान्न प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने अपने प्रभार जिलों अनूपपुर, शहडोल एवं सीधी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि शासन की मंशानुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उक्त हितलाभ निर्धारित मात्रा में हितग्राहियों को प्राप्त हो इस हेतु सतत रुप से निगरानी रखें एवं निरीक्षण करते रहें। खाद्य मंत्री श्री सिंह ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य की दुकानों से राशन सामग्री हितग्राहियों को निर्धारित दर एवं मात्रा में प्रदाय की जाती है। कतिपय दुकानदारों द्वारा अनुचित लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से हितग्राही को कम सामग्री प्रदाय करते हैं। इसी प्रकार शासन से निर्धारित दर से अधिक कीमत प्राप्त करने अथवा निशुल्क प्रदाय की दशा में राशि प्राप्त कर सामग्री प्रदाय करने की स्थिति में संज्ञान में आती है। वर्तमान में हितग्राहियों की बायोमेट्रिक सत्यापन के बिना पीओएस मशीन से सामग्री प्रदाय की जा रही है। उचित मूल्य के दुकानदार के द्वारा इसमें भी फर्जी वितरण दर्शाकर अनुचित लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया जा सकता है। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि यह आवश्यक है कि उचित मूल्य की दुकानों से प्रदाय की जाने वाली सामग्री पात्र हितग्राहियों को निर्धारित दर (निशुल्क का प्रावधान होने पर निशुल्क) एवं मात्रा में नियमित रूप से प्राप्त हो। अनियमितता करने वालों पर कठोर कार्यवाही हो। किसी भी उचित मूल्य की दुकान में अनियमितता, पाई जाने पर मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015, अन्य प्रचलित प्रावधान तथा गंभीर अनियमितता की दशा में चोर बाजारी निवारण तथा आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम 1980 के अंतर्गत दोषी को 8 माह तक के लिये निरुद्ध करने का प्रावधान उपलब्ध है।अतएव जिले में नियमित निगरानी कराई जाये तथा अनियमितता पाये जाने पर दोषी विक्रेता पर निरुद्ध करने की कार्यवाही की जाए। यदि विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता पाई जाती हो तो उन पर अग्रिम अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रकरण विभाग को अग्रेषित किए जाएँ। यह सुनिश्चित किया जाये कि जिले में सामग्री का वितरण पात्र हितग्राहियों को नियमित रूप से निर्धारित दर एवं मात्रा में प्राप्त हो।

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