पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री को गैर अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर मानने का पत्र लिखकर किया आग्रह

अपनी जान गवाने वाले गैर अधिमान्‍य पत्रकारों को कोरोना योद्धा मान जल्‍द भुगतान करे सरकार...                     

विजया पाठक

            कोरोना संकट गहराया हुआ है। ऐसे में प्रदेश सरकार और विपक्ष भी अपने स्तर से सभी स्थितियों को बेहतर बनाने में जुटी हुई है। चाहे फिर वो ऑक्सीजन की आपूर्ति हो या फिर अस्पतालों में खाली बेड की समस्या। शिवराज सरकार के चुनिंदा मंत्री के साथ-साथ विपक्ष भी जी तोड़ मेहनत कर इस महामारी से लोगों को निजात दिलाने का प्रयास कर रहे है। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता और सरकार के बीच कोरोना योद्धा बनकर काम करने में जुटे प्रदेश के अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया। लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के विभिन्न पत्रकार संगठन यहां तक की मैंने खुद शिवराज सिंह चौहान से गैर अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंटलाइन वर्कर मानने को निवेदन किया है। साथ ही उनसे यह भी आग्रह करती हूं कि ऐसे गैर अधिमान्य पत्रकार जिन्होंने काम के दौरान संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा दी है। उन पत्रकारों के परिवार को शिवराज सरकार 7 दिन के भीतर भुगतान कर परिवार को आर्थिक मदद पहुचाए, ताकि परिवार पर आए इस संकट का वे लोग सामना कर सके। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर एक बार फिर गैर अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किए जाने का आग्रह किया है। प्रदेश में इन दिनों एक बात जो विशेषतौर पर देखने को मिल रही है कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस नेता राजनीति करने के बजाय महामारी के इस संकट में शिवराज सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करने की कोशिश कर रहे है। सभी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जनता की सेवा में जुटे है। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण को पंचायत स्तर पर किए जाने वाले मैनेजमेंट की जानकारी दी। यह कुशल राजनेताओं की तस्वीर है जो राजनीति करने की बजाय सरकार को हर वो तरीके से, जिससे संक्रमण को रोका जा सके इस संबंध में जानकारी दे रहे है। वहीं, मुख्यमंत्री भी विपक्ष की ओर से आ रहे सुझाव पर अमल करते हुए उस दिशा में काम भी कर रहे है ताकि जनता को इस प्रकोप से बचाया जा सके। अंत में मुख्यमंत्री जी से एक बार फिर आग्रह है कि वो गैर अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर मानने संबंधी ऑर्डर जल्द जारी करें, ताकि वो पत्रकार जो अभी तक इससे वंचित रह चुके है उन्हें भी इसका लाभ मिल सके।

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