प्रतिबंध के बावजूद भी हो रहा बिक्री के साथ प्रचार-प्रसार ,जिम्मेदार मौन
अनूपपुर/ जिले भर में इन दिनों गुटखा व्यवसायियों एवं निर्माण कंपनियों के द्वारा खुलेआम शासन प्रशासन एवं जिम्मेदार अधिकारियों के सामने गुटखे का प्रचार प्रसार व बिक्री धड़ल्ले से चल रहा है जिसकी जानकारी होने के बावजूद इस अवैध कारोबार को संचालित करने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है । सूत्रों की माने तो नगर के बस स्टैंड रेलवे स्टेशन चौराहा जिला पंचायत के सामने जिला चिकित्सालय के सामने उत्कृष्ट एवं कन्या विद्यालय तुलसी महाविद्यालय जिला एवं सत्र न्यायालय के साथ नगर के प्रत्येक गली मोहल्ले में प्रतिबंधित एवं एवं अवैध गुटके की बिक्री लगातार की जा रही है जिसकी जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है एक सवाल यह भी है कि आखिर जिम्मेदार अधिकारियों के सामने ऐसी क्या मजबूरी है जिसकी वजह से वे अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कार्यवाही नहीं कर रहा है । अनूपपुर जिले के प्रत्येक शहर एवं ग्रामीण इलाकों इन दिनों अवैध गुटका बेचने के साथ सार्वजनिक स्थलों में स्टाल लगाकर डंके के चोट में प्रचार प्रसार किया जा रहा है । स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो अनूपपुर इन दिनों गुटखे के अवैध कारोबार का केंद्र बना हुआ है । प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भी न तो गुटखा बनाने पर रोक लग सकी है और न ही बेचने पर । सूत्रों की माने तो अधिकारियों के संरक्षण में ही यह अवैध कारोबार संचालित हो रहा है । गुटखा बेचने और बनाने वालों पर कार्यवाही न होने से जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं । जिले के अन्य हिस्सों में भी गुटखे का अवैध कारोबार तेजी से बढ़ रहा है जिस पर कार्यवाही नहीं की जा रही है । जानकारों की मानें तो जिले में लगभग एक दशक पहले जिला प्रशासन द्वारा गुटखे के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन आज की स्थिति में नगर के हर गली , चौक चौराहे पर धड़ल्ले से गुटखे का विक्रय किया जा रहा है । गुटखा खाने के शौकीन लोग दिन भर गुटखा खाकर सड़कों , दीवारों और सार्वजनिक स्थलों पर थूक रहे हैं जिससे नगर की सुंदरता और लोगों को स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं । गौर करने वालीबात यह है कि अधिकारियों को गुटखे के विक्रय की जानकारी होने के बावजूद इस अवैध कारोबार को संचालित करने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही । एक सवाल यह भी है कि आखिर जिम्मेदार अधिकारियों के सामने ऐसी क्या मजबूरी जिसकी वजह से वे अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कार्यवाही नहीं कर रहा है ।