आत्मनिर्भर भारत-स्वावलंबी भारत तथा राष्ट्रहित के लिए हो रहे बड़े शोध कार्य को रोकने डॉ नीरज राठौर ने भारत सरकार को ई-मेल स्पूफिंग, साइबर आतंक और फ्रॉड करके झूठी ईमेल भेजा


अनुपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के असोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ नीरज राठौर द्वारा जयस (जय आदिवासी युवा संगठन) के नाम पर बनाया फर्जी ईमेल - jays400438@gmail.com तथा इस फर्जी ईमेल के लिए रिकवरी हेतु दिया गया डॉ नीरज राठौर का ओरिजिनल ईमेल - neerajrathore37@gmail.com तथा फर्जी ईमेल बनाने के लिए डॉ नीरज राठौर द्वारा उपयोग किया गया अपना मोबाइल नंबर – 9479333899 को साइबर सेल से तत्काल ब्लाक कराकर इसकी जप्ती करने की कार्यवाही शुरू हो गयी है, अनुसूचित जनजाति के सदस्य को वेतन ना मिल पाए इसके लिए डॉ नीरज राठौर तथा उसके अन्य सहयोगियों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र रचकर, ई-मेल स्पूफिंग और फ्रॉड करके, मिथ्या, द्वेषपूर्ण एवं तंग करने वाला झूठी ईमेल भारत सरकार को भेजने, प्रतिरूपण द्वारा छल करने, जानबूझकर कूटरचित गलत दस्तावेजों को असली रूप में उपयोग करने, पहचान चुराने का अपराध किया गया है। जब से प्रधानमंत्री मोदी जी की हेलीकाप्टर विश्वविद्यालय के हेलीपेड पर उतरी थी उसके बाद से पाकिस्तान कश्मीर बॉर्डर से लगातार प्रवेश के लिए भीड़ का आना तथा बॉर्डर से प्रवेश लेना शंका पैदा किया है जबकि विश्वविद्यालय के हेलीपेड पर मुख्यमंत्री सहित कई वीआईपीज का आना-जाना लगा रहता है और अंतरराष्ट्रीय-स्लीपर-सेल का जाल बिझा दिया गया है कभी भी बड़ा खतरा हो सकता है। अमरकंटक विश्वविद्यालय में स्थानीय लोंगो का बड़े पैमाने पर उपेक्षा, जनजातियों के खिलाफ हो रहे षड्यंत्र, पाकिस्तान बॉर्डर तथा केरल से कुछ खाँस युवाओं का बड़े पैमाने पर एंट्री होने से अनुपपुर-शहडोल-डिंडोरी में बड़ा संकट पैदा हो गया है क्षेत्रीय सांसद, केन्द्रीय राज्यमंत्री, प्रभारी मंत्री तथा जिले जनजातीय समुदाय से कैबिनेट मंत्री को इसपर ध्यान देने की जरुरत है। कुलपति  मीठा बोलकर आने वाले अतिथियों को गेस्ट में कुछ लोगों से स्वागत कराकर राष्ट्र-विरोधी कार्यों पर कब तक पर्दा डाला जा सकता है अब तो अमरकंटक की अस्मिता खतरे में आ गयी है। *आरोपियों को बचाने के लिए कुलपति भोपाल-शहडोल के अधिकारीयों से मीठा-मीठा बात करके सेटिंग कर रहे है इसका मतलब है कि किये गए अपराध में कुलपति भी शामिल है।*  

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रोजेक्ट के जोनल कोऑर्डिनेटर मोरध्वज पैकरा ने अपने शिकायत में बताया कि प्रोजेक्ट में आत्मनिर्भर भारत तथा स्वावलंबी भारत के लिए तथा राष्ट्रहित, के लिए बड़े शोध कार्य किये जा रहे है, लेकिन राष्ट्रवादी कार्यों को रोकने के लिए तथा जनजातीय क्षेत्र में स्वावलंबन, जनजाति उद्यमिता के कार्यक्रम को रोकने तथा जनजातियों को क्षति पहुंचाने के लिए नियोजित तरीके से अपराधिक षड्यंत्र रचकर “जय आदिवासी युवा संगठन” के नाम पर धूर्त के समान, चोरी-चोरी, छुपकर फर्जी ईमेल करने का कार्य नीरज राठौर ने किया है तथा नीरज राठौर द्वारा यह कहा जा रहा है कि हमको ऐसा घिनौना तथा समाज विरोधी, राष्ट्र विरोधी अपराध करने के लिए कुलपति प्रेरित करते हैं, नीरज राठौर यह भी कह रहे हैं कि वह लाखों रुपए देकर विश्वविद्यालय में अभी हाल ही में सेलेक्ट हुए हैं, उनके साले शराब के कारोबारी है। डार्क वेब तथा साइबर आतंक का उपयोग बेहद खतरनाक है स्थानीय स्तर पर समाज को खतरा पैदा हो गया है। 

जनजातीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र तथा विश्व हिंदु परिषद् के विश्वविद्यालय सहप्रमुख बैजनाथ राम ने आरोप लगाया है कि डॉ नीरज राठौर ने जातिगत अपमानित कर, धार्मिक भावनाओं को विद्वेषपूर्ण नियत से आहत करके दो समुदायों के सद्भाव के खिलाफ कार्य किया है, नीरज राठौर ने सरकार चेंज होने पर तुम्हें कुत्ता बनाने की धमकी भी दिया है।

जनजातीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के विश्वविद्यालय पूर्व अध्यक्ष चिन्मय पाण्डेय ने लिखित बयान दिया है कि उनका पीएच.डी. शोध का शीर्षक – “भारत के लोगों के डीएनए में समानता के साथ सामान्य वंश के वंशजों का अध्ययन-विश्लेषण और उद्योग आधारित अमूर्त सांस्कृतिक विरासत वाले विश्व-गुरु स्वावलंबी भारत मॉडल के क्लाउड-डेटाबेस का विकास” है, लेकिन राष्ट्रवादी विषय पर शोध करने से नाराज होकर डॉ नीरज राठौर ने पीएच.डी. निरस्त करने का नोटिस दे दिया तथा धमकाने लगा। चूँकि नीरज राठौर दो वर्ष पहले असिस्टेंट प्रोफ़ेसर का साक्षात्कार देने आये थे लेकिन उनका चयन नहीं हुआ डॉ नीरज राठौर स्वयं कहते है कि वे तीस लाख देकर असोसिएट प्रोफ़ेसर बन गए है।      

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रोजेक्ट के डैशबोर्ड मेनेजर खेलन सिंह ओरके ने शिकायत आवेदन दिया है कि नीरज राठौर द्वारा अनुसूचित जनजातियों को साले आदिवासी हरामजादा बोला गया, ईमेल पर फर्जी एवं बनावटी साइबर क्राइम करने का अपराध स्वीकार किया गया तथा भगवान बिरसा मुंडा जी को अपशब्द बोलने का अपराध किया गया है, नीरज राठौर से जान का खतरा है इन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। 

मोरध्वज पैकरा, बैजनाथ राम, चिन्मय पांडे, ऋतुराज तथा खेलन सिंह ओरके ने सहीत 30 से अधिक स्टाफ तथा छात्र ने *विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉक्टर मुकुल शाह से मामले में सहायता करने तथा स्थानीय लोंगो से मिलकर वास्तविकता जानने का आग्रह किया है* क्योंकि केवल कुलपति तथा उनके 30-40 लोंगो से मिलकर शाल श्रीफल से स्वागत तथा केवल उन्हीं के द्वारा बतायी गयी बातों को ऊपर पहुचाने से जनजातियों के साथ हो रहे अन्याय तथा राष्ट्रविरोधी गतिविधि का सच्चाई ऊपर तक नहीं पहुँच पा रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन करोडो का रुपये का तागत लगाकर जनजातियों के विनाशलीला का कार्य जनजातीय विश्वविद्यालय में करवा रहा है। सभी ने माननीया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी महामहिम राष्ट्रपति भारत, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी, यशस्वी प्रधानमंत्री, माननीय श्री मंगुभाई पटेल जी राज्यपाल, मध्य प्रदेश, माननीय श्री धर्मेंद्र प्रधान जी, शिक्षा मंत्री,  माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान जी, मुख्यमंत्री, माननीय श्री नरोत्तम मिश्रा जी, गृहमंत्री, माननीय श्री हर्ष चौहान जी, अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, माननीय पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश पुलिस सहीत भारत के समस्त समाज सेवक से  समय से न्याय दिलाने तथा जनजातियों के लिए किया जा रहा विनाश लीला को रोकने का आग्रह किया है।

Comments
Popular posts
सार्वजनिक विवाह सम्मेलन में भगवा पार्टी ने की जल व्यवस्था, जनसेवा का दिया संदेश
Image
विद्यालय संचालन के समय परिवर्तन के साथ बिजली,पानी और ठंडी हवा की व्यवस्था हेतु सौंपा ज्ञापन
Image
भगवा पार्टी के ज्ञापन का हुआ असर,कलेक्टर ने लिया संज्ञान
Image
अस्मिता पर सुनियोजित प्रहार, मजहबी चक्रव्यूह के शिकंजे में बेटियां
Image
रेलवे मजदूर कांग्रेस की मांग पर रेलवे कर्मचारियों के लिए बैडमिंटन कोर्ट निर्माण का कार्य प्रारंभ
Image