बरगवां अमलाई नगर परिषद् में अपने ही जमीनों से अवैध कब्जा नहीं हटवा पा रहा है प्रशासन !

 बरगवां अमलाई नगर परिषद् में अपने ही जमीनों से अवैध कब्जा नहीं हटवा पा रहा है प्रशासन !

सबसे बड़ा सवाल : आखिर सरकारी मेला भूमि को अतिक्रमियों के चंगुल से  मुक्त करवा पाएगा प्रशासन या नहीं ?

- चार महीने  से ज्यादा का समय बीता, कब्जा हटाने नहीं पहुंचे अफसर

- कार्रवाई न होने से कब्जाधारियों के बढ़े हौंसले



बरगवां अमलाई /सरकारी जमीन पर अवैध  कब्ज़ा  करने वालो  पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने से प्रशासन के उपर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। अतिक्रमण पर कार्यवाही को लेकर प्रशासन की तरफ से मुँह फेर लेना लोंगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां तक कि शिकायत के बाद भी कार्रवाई से परहेज किया जाना कई सवाल खड़े करता है। सरकारी मेला भूमि  पर पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्ज़ा कर लिया गया  है, जिसकी शिकायत करते करते ग्रामीण थक गए हैं लेकिन प्रशासन अभी भी अतिक्रमण खाली करवाने में नाकाम साबित हो रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या प्रशासन सरकारी जमीन से भू माफियाओं का कब्जा मुक्त करा पाएगी या नहीं ? दरअसल मामला अनूपपुर जिले के नवगठित  बरगवां अमलाई नगर परिषद् के मेला मैदान का है जहां कुछ वर्ष पूर्व  चेतराम चौरसिया द्वारा मेला मैदान  के  खसरा क्रमांक 144 /1 में पहले अस्थाई बागड़ बनाकर धीरे धीरे अतिक्रमण कर पक्की दीवार एवं कमरे का निर्माण कर लिया गया है , लगातार समाचार पत्रों द्वारा में मामला प्रकाश में आने  के बाद लगभग चार महीनो तक जांच चली, तत्पश्चात  प्रकरण में राजस्व टीम द्वारा जांच किया गया  जिसमे अतिक्रमण होना भी पाया गया है, । लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोरम ही पूरा किया जा रहा  है। प्रदेश के मुखिया भी  भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिए है। कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों को भू माफिया में चिह्नित किया जाए और उन पर कार्यवाही की जाये ,लेकिन जिला एवं नगर परिषद् प्रशाशन कार्रवाई करने के बजाय मामले को संज्ञान लेने को भी तैयार नहीं है। सरकारी जमीन कब्जा पर करने वाले लोगों का न तो भू माफिया में चिह्नीकरण ही किया गया और न ही उनसे जमीन ही खाली कराई जा रही है ।इसकी वजह से लगातार अतिक्रमियों के हौसले बुलंद है, अधिकारियों के पास कार्रवाई के लिए समय नहीं है या  कार्यवाही करने से मुंह मोड़ रहे है। 

कलेक्टर से फिर की शिकायत

स्थानीय रहवासियों का कहना है  कि प्रशासन द्वारा कार्रवाई न किए जाने से अतिक्रमण करियों के हौसले बुलंद है  हैं। बीते माह परिषद् की  की शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाए जाने मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने और जिला कलेक्टर को आवेदन के माध्यम से अवगत कराये जाने के बाद अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। बीते सप्ताह एक बार फिर कलेक्टर को पत्र लिखकर  शासकीय भूमि से कब्जा हटाने की मांग की गई है। साथ ही सीएम हेल्पलाइन में भी उनकी शिकायत दर्ज है।

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