अनूपपुर जिले में आवारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाओं का बढ़ता संकट, शिव मारुति युवा संगठन ने कलेक्टर से की कार्यवाही की मांग


अनूपपुर: जिले में सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और गौवंशीय पशुओं की मृत्यु से चिंतित होकर शिव मारुति युवा संगठन, सामतपुर ने कलेक्टर महोदय को एक औपचारिक आवेदन प्रस्तुत किया है। संगठन ने जिले में इन घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित और ठोस कार्रवाई की मांग की है।

सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि और पशुओं की मौत

संगठन के अनुसार, अनूपपुर जिले की प्रमुख सड़कों पर आए दिन आवारा पशुओं की मौजूदगी के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें से कई घटनाएं बेहद दर्दनाक होती हैं। वाहन चालकों के लिए अचानक सड़कों पर बैठे पशु दुर्घटना का कारण बनते हैं, जिसके परिणामस्वरूप न केवल पशुओं की मृत्यु होती है बल्कि कई बार लोगों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। संगठन ने इन दुर्घटनाओं के लिए अनियंत्रित बड़े वाहन, ओवरलोडिंग, और प्रशासन की लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया है।

शिव मारुति युवा संगठन की मांगें

संगठन ने अपने आवेदन में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान आकर्षित किया है: ओवरलोडेड और अनियंत्रित वाहनों पर सख्त कार्रवाई,बड़े वाहनों की अनियंत्रित गति और ओवरलोडिंग के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात एवं परिवहन विभाग को निर्देश दिए जाएं। सड़कों पर ओवरलोडेड और तेज गति से चलने वाले वाहनों पर कड़ी नजर रखी जाए और दोषी वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने की व्यवस्था

सड़कों पर बैठे आवारा पशुओं के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके लिए नगर पालिका, नगर पंचायत, और ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए जाएं कि वे सड़कों से इन पशुओं को हटाने के लिए उचित कदम उठाएं। पंचायतों और स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी तय की जाए ताकि सड़कों पर बैठे पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सके।

गौशालाओं की व्यवस्था को मजबूत करना

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गौवंश संरक्षण और संवर्धन के लिए बनाई गई गौशालाओं में समुचित प्रबंधन नहीं होने के कारण आवारा पशु सड़कों पर घूमने के लिए मजबूर हैं। संगठन ने मांग की है कि इन गौशालाओं में पशुओं के लिए समुचित व्यवस्था और उनके रखरखाव का प्रबंध किया जाए ताकि सरकार के उद्देश्यों की पूर्ति हो सके।

दुर्घटनाग्रस्त पशुओं के लिए चिकित्सा सहायता

सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले पशुओं के लिए त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। पशु चिकित्सा विभाग को निर्देशित किया जाए कि वे इन घायल पशुओं को तत्काल गौशालाओं तक पहुंचाएं और उनकी समुचित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करें।

 पशु मालिकों पर कानूनी कार्रवाई

आवारा और दुर्घटनाग्रस्त पशुओं की पहचान उनके कान पर लगे टैग से की जाए और जिम्मेदार पशु मालिकों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। इस कदम से पशु मालिकों को अपने पशुओं की देखभाल करने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा, जिससे सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या कम हो सकेगी।शिव मारुति युवा संगठन ने जानकारी दी है कि पिछले दो महीनों में संगठन ने अनूपपुर जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में 60 से 70 दुर्घटनाग्रस्त पशुओं का प्राथमिक उपचार किया है। संगठन का कहना है कि इन वीभत्स दुर्घटनाओं को देखते हुए यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि प्रशासन इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तत्काल कदम उठाए।संगठन ने कलेक्टर महोदय से आग्रह किया है कि इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत कार्यवाही की जाए। आवेदन की एक प्रतिलिपि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन, भोपाल को भी भेजी गई है, ताकि राज्य स्तर पर भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार हो।संगठन का मानना है कि यदि प्रशासनिक स्तर पर सही दिशा-निर्देश और ठोस कार्यवाही की जाती है, तो इन दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सकती है और गौवंशीय पशुओं को सुरक्षित रखा जा सकता है।शिव मारुति युवा संगठन अनूपपुर जिले में सामाजिक सेवा के लिए निरंतर कार्यरत है और इस तरह की समस्याओं पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करके समाधान की दिशा में प्रयासरत है। संगठन का यह कदम जिले में गौवंशीय पशुओं की सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।