शहडोल/शासन के निर्देशानुसार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जिला कलेक्टर महोदय के नेतृत्व एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री मनोज लारोकर के मार्गदर्शन में आज दिनांक 24.02.2024 को शासकीय इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय गृह विज्ञान शहडोल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्रीमती मेघा पवार बाल आयोग सदस्य, श्रीमती कल्याणी वाजपेई जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष, डॉ अंशुमान सुनारे जिला चिकित्सालय, महिला एवं बाल विकास विभाग श्री अखिलेश मिश्रा सहायक संचालक, श्रीमती संजीता भगत सहायक संचालक/प्रशासक वन स्टॉप सेंटर, श्रीमती चित्रा श्रीवास्तव, श्रीमती सपना पाण्डेय, श्रीमती भानुप्रिया, श्री कुंदन विश्वकर्मा एवं महाविद्यालय के प्राचार्य श्री मुकेश कुमार तिवारी, डॉ यमुना धुर्वे, डॉ सरोज बाला भलावी, डॉ सुनीता सिंह मरकाम, श्री एस कुजूर, श्री आर एस पासी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय मेघा पवार एवं कल्याणी वाजपेई द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती संजीता भगत द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में श्रीमती कल्याणी वाजपेई द्वारा उपस्थित बालिकाओं को बाल कल्याण समिति देखरेख एवं जरूरतमंद बच्चों के हित में किस प्रकार कार्य करता है से संबंधित जानकारी दी गई। तदोपरांत बालिकाओं की समझ और जागरूकता के लिए चुप्पी तोड़े एक वीडियो क्लिप के माध्यम से जागरूक किया गया कि चाहे लड़का हो या लड़की अत्याचार न सहे अपनी चुप्पी तोड़े और अपनी बातों को स्पष्ट रूप से घर परिवार और समाज के बीच रखें । किसी भी प्रकार का ज्यादती बर्दाश न करें। इसके पश्चात् श्री अखिलेश मिश्रा द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के विषय में चर्चा किया गया। चर्चा के दौरान यह भी बताया गया कि आखिर क्यों हमारे देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की आवश्यकता हुई। किस तरह से समाज में लड़का और लड़की में भेदभाव किया जाता था तथा बच्चियों को गर्भ में ही मार दिया जाता था एवं किस प्रकार से यह पता लगाया जाता था कि गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की। इससे संबंधित एक्ट पीसीपीएनडीटी गर्भ धारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक से संबंधित चर्चाएं की गई एवं वीडियो क्लिप के माध्यम से भी जागरूक किया गया। इस एक्ट के बारे में डॉ. अंशुमन सुनारे द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। इन्होंने बताया कि इस अधिनियम का मकसद कन्या भ्रूण हत्या और लिंगानुपात में गिरावट को रोकना है। किसी भी अस्पताल में यदि लिंग परीक्षण करते हुए पाया जाता है तो इसमें सजा का प्रावधान है एवं जिस किसी मुखबिर के द्वारा इस बात की जानकारी दी जाती है तो वह 2लाख रु. ईनाम का हकदार होगा तथा उसका नाम पता गोपनीय रखा जाएगा। तत्पश्चात श्रीमती मेघा पवार द्वारा समाज में महिलाओं एवं बालिकाओं की बढ़ती भागीदारी का व्याख्यान किया गया। इनके द्वारा बताया गया कि किस प्रकार से आज के युग में बच्चियां हर क्षेत्र में अपना नाम अपनी पहचान बना रहीं हैं। बालिकाओं को यह भी बताया गया कि आज के इस परिवेश में हमारी प्राचीन सभ्यता, संस्कृति, रहन सहन, वेशभूषा प्रभावित हो रही हैं परंतु हमारी संस्कृतियों को भूलना नहीं है आज के परिवेश में भी हमारी सभ्यताएं बनाई रखनी है। साथ ही यह भी कहा गया कि बालिकाओं के हित में शासन लगातार प्रयास कर रही है आप लोग भी अपना एवं जरूरतमंद महिलाओं, बालिकाओं एवं बच्चों का सहयोग करें और होने वाले अपराध से सजग रहें। कार्यक्रम के अंतिम चरण में श्रीमती संजीता भगत द्वारा उपस्थित गणमान्य अतिथियों का आभार प्रकट किया गया।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन