ब्रह्माकुमारीज दिव्य प्रकाश भवन में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई 89वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती



अनूपपुर/ महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ब्रह्माकुमारीज दिव्य प्रकाश भवन में 89वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती उत्साह और आध्यात्मिक श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस शुभ अवसर पर सेवा केंद्र की संचालिका रीता दीदी ने सभी को महाशिवरात्रि की मंगलकामनाएं देते हुए शिवरात्रि के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि शिव की पूजा केवल बेलपत्र, धतूरा, और भांग चढ़ाने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हमें अपने भीतर की बुराइयों, विकारों और नकारात्मक प्रवृत्तियों को त्यागकर शिव को अर्पित करना चाहिए। शिव केवल एक देवता नहीं, बल्कि ज्ञान, प्रकाश, और निराकार स्वरूप में जगत के परमपिता हैं। वे सहज राजयोग का ज्ञान देकर आत्माओं को विकारों से मुक्त करने का मार्ग दिखाते हैं।रीता दीदी ने शिव के निराकार रूप को 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रतीक रूप में समझाते हुए बताया कि जब आत्मा विकारों के बंधन में जकड़ जाती है, तब शिव अपने ज्ञान और योग की शक्ति से हमें पुनः पवित्र व दिव्य बनाने का मार्ग दिखाते हैं। शिवरात्रि का वास्तविक संदेश यही है कि हम स्वयं को शुद्ध, पवित्र और कल्याणकारी बनाएँ।इस अवसर पर बीके प्रवीण ने सभी उपस्थित सदस्यों को शिव ध्वज के नीचे संकल्प दिलवाया कि वे सदा सभी के प्रति शुभ भावनाएं एवं शुभकामनाएं रखेंगे, अपने भीतर के विकारों को समाप्त करेंगे, व्यसनों से दूर रहेंगे और सेवा व सहयोग की भावना को अपनाएंगे।कार्यक्रम के दौरान भक्तों ने भक्ति संगीत, सत्संग और शिव की महिमा का गुणगान किया, जिससे समूचा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो गया।


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